दुबई: गगनचुंबी इमारत बनाने और मंगल मिशन शुरू करने के बाद अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) मेटावर्स की दुनिया में अपने कदम बढ़ा रहा है. दुबई के चमचमाते भविष्य के संग्रहालय में शुरू की गई एक परियोजना में अर्थव्यवस्था मंत्रालय अब वर्चुअल दुनिया में भी अपनी सेवाएं देगा. न्यूज़ एजेंसी AFP के मुताबिक इस मंत्रालय को केवल वो लोग देख पाएंगे जो वर्चुअल रियलिटी चश्मा पहनेंगे. व्यापार के साथ ही विदेशी सरकारों के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी इसे तैयार किया जाएगा.
क्या है मेटावर्स
मेटावर्स एक ऑनलाइन दुनिया है जहां लोग खेल, काम और अध्ययन करने में सक्षम होंगे. इस दुनिया में पहुंचने के लिए व्यक्ति को वर्चुअल रियलिटी चश्मों का उपयोग करना पड़ेगा. हालांकि संयुक्त अरब अमीरात के अर्थव्यवस्था मंत्री ने माना है कि यह परियोजना अभी अपने शुरुआती चरण में है. दुबई स्थित मेटावर्स असेंबली के उद्घाटन में पहुंचे अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने बताया कि वह मेटावर्स परियोजना पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह अपने कर्मचारियों को वास्तव में मेटावर्स दुनिया के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं.
830 मीटर (2,723 फुट) ऊंची बुर्ज खलीफा सहित कई साहसिक परियोजनाओं को आकार देने वाले देश UAE को उम्मीद है कि मेटावर्स 2030 तक वार्षिक जीडीपी में 4 बिलियन डॉलर और अपने कर्मचारियों की संख्या में 40,000 नौकरियां जोड़ सकता है. इसके लिए दुबई ब्लॉकचैन और संबंधित प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता वाली 1,000 कंपनियों को आकर्षित करना चाहता है. एनालिसिस ग्रुप के शोध के मुताबिक मेटावर्स 10 वर्षों में मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और तुर्की में सकल घरेलू उत्पाद में $360 बिलियन जोड़ सकता है.
घर बैठे मार्स का सफर
संयुक्त अरब अमीरात की शुरुआती निजी क्षेत्र की मेटावर्स परियोजनाओं में से एक को 2117 कहा जाता है, जिसका नाम दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद के अब से एक सदी बाद मंगल ग्रह पर उपनिवेश बनाने के सपने के नाम पर रखा गया है. मेटावर्स उपयोगकर्ता अब टिकट खरीद कर वर्चुअल शटल की मदद से लाल ग्रह तक जा सकेंगे. वर्चुअल मार्स ट्रिप के पीछे के ब्रेन चाइल्ड बेदू स्टार्ट-अप के संस्थापक अमीन अल जरौनी ने बताया कि अभी कि सदी के लोग मंगल तक जाने के सपने सच होने तक जीवित नहीं बचेंगे. इस कारण वह वर्चुअल दुनिया के माध्यम से लोगों को मंगल का सफर कराना चाहते थे. वहीं UAE की सरकार के अनुसार अगले 10 से 20 सालों में उनका देश दुनिया की शीर्ष -10 मेटावर्स अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन सकता है.
