ब्‍लॉगर

ये पॉलिटिक्स है प्यारे


देख भाई तू लड़े तो ठीक, मैं लडूं तो ध्यान रखना
महंगाई विरोधी धरने में विधायक शुक्ला और कांग्रेस अध्यक्ष बाकलीवाल कई बार एक-दूसरे के कानों में फुसफुसाते रहे। मानों उन्हें महंगाई से ज्यादा चिंता महापौर चुनाव की है।
अपने लोग ही निपटा देते हैं कांग्रेस में
शनिवार को रीगल पर पेट्रोल, डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर धरना चल रहा था और सबको बोलने का मौका दिया जा रहा था। युवक कांग्रेस के अनूप शुकला को भी मौका मिला तो उन्होंने महंगाई की बात छोड़ कह दिया कि चुनाव में अपने ही लोग निपटा देते हैं। भाजपा से एक और कांग्रेस से चार खड़े होते हंै और उसे निपटाने की तैयारी शुरू हो जाती है। इस पर दूसरे नेता बोले-आज तो पेट्रोल-डीजल का बोलो। इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव की बात भी तो जरूरी है।
वर्ग में सुना रहे अपनी नेतागीरी के किस्से
भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग चल रहे हैं और वरिष्ठ नेताओं को कार्यकर्ताओं को तैयार करने के लिए भेजा जा रहा है, लेकिन संगठन के पास शिकायत पहुंची कि कई वक्ता तो विषय से हटकर अपनी नेतागीरी के किस्से सुना रहे हैं। कई तो यह बताने से भी नहीं चूंक रहे हैं कि उन्होंने यहां तक आने के लिए कितने पापड़ बेले। इसकी जानकारी जब अध्यक्ष रणदिवे तक पहुंची तो उन्होंने एक ही शब्द में कहा कि विषय से भटकाव ठीक नहीं है। केवल उतना ही बोले, जितना संगठन ने कहा है।
एक और सिंधी नेता महापौर की कतार में
भाजपा संगठन के आंतरिक कार्यों और लंबे समय तक शहर के कार्यालय मंत्री रहे पूर्व पार्षद जवाहर मंगवानी भी महापौर के दावेदारों की कतार में हैं। संगठन से नजदीकी और इंजीनियर के अनुभव के साथ-साथ अपने वार्ड में सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से उन्होंने समाज में भी अपनी पैठ जमाई है। मंगवानी ने संगठन के बड़े नेताओं के सामने चुनाव लडऩे की मंशा जाहिर कर दी है। वैसे पिछली एमआईसी में जवाहर की पत्नी पार्षद रही हैं। इसके पहले मंगवानी जनकार्य समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और मोघे के साथ शहर में कई कार्य किए। मंगवानी का नाम सामने आने से भाजपा के कई नेता भी भौंचक हैं।


कार्यकर्ताओं के लिए खाली खड़ी रही बसें
दशहरा मैदान पर कृषि कानून को लेकर हर क्षेत्र से भीड़ ले जाना थी। शहर के लोगों को भी टारगेट दिए गए थे। दशहरा मैदान में कार्यक्रम शुरू हो गया था, लेकिन एमआईजी क्षेत्र के एक वार्ड में दो खाली बसें क्रिश्चियन एमिनेंट स्कूल के पास खड़ी रही। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हुए, जिसमें बस ड्राइवर और कंडक्टर कह रहे हैं कि बसें लोगों को ले जाने के लिए आई थी, लेकिन उन्हें यहां खड़ा करवा दिया। किस ने खड़ा करवाया तो उन्होंने नाम बताने से मना कर दिया।
जिराती ने शंकर को बताया बेहतर किसान
दशहरा मैदान पर जब सांसद शंकर लालवानी ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे तो मंच से संचालन कर रहे जीतू जिराती ने कहा कि हमारे शंकर भैया भी एक बेहतर किसान हैं। किसी ने कान में कहा कि वे किसान नहीं है तो उन्होंने फटाफट बात संभाली और कहा कि किसान नहीं है तो क्या उन्हें बिजलपुर में जमीन दिलवा देंगे और किसान बनवा देंगे। इस पर मंच पर बैठे नेता भी हंस दिए। वैसे कई भाजपा नेता अपने आपको किसानों का हितैषी बताने के लिए दूसरों के ट्रैक्टर पर बैठकर ही सभास्थल पर पहुंचे थे।
मीडिया पेनेलिस्ट को कर दिया दरकिनार
भाजपा के मीडिया पेनेलिस्ट सुमित मिश्रा इन दिनों राजनीति से किनारा करने का मन बना रहे हैं। सुमित को पार्टी कई सभाओं में भाषण देने भेजती है और वे मजमा भी लूट लेते हैं। हालांकि इस बार सुमित को पीड़ा हो रही है कि संगठन ने उन्हें किसी भी मंडल में संबोधित करने नहीं भेजा। इसकी पीड़ा उन्होंने कल अपने फेसबुक पेज पर भी जाहिर की। उन्होंने लिख डाला कि पिछले 4 साल से मुझे संगठन के काम से कहीं नहीं भेजा जा रहा है। उन्होंने सवाल भी किया कि वर्तमान समय में मैं प्रासंगिक नहीं हूं या मुझ में कोई कमी है। वैसे कहने वाले कह रहे हैं कि उनकी नाराजगी ऊपर वालों से हैं, इसलिए उन्हें अब कोई काम नहीं मिल रहा।
आने वाले दिनों में कुछ और कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इनमें एक विधायक इन्दौर के नजदीक घाट नीचे की एक विधानसभा के हैं। बताया जा रहा है कि विधायकजी ने पूरा मन बना लिया है और भाजपा का झंडा थामने के लिए तारीख और जगह तय की जा रही है । -संजीव मालवीय

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