वैसे तो सिंदूर भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी (Hanuman ji) को भी बहुत प्रिय है। यही वजह है कि मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर (Vermilion) अर्पित किया जाता है। जिससे भक्तों की मनाकोमनाएं पूरी होती हैं।
दूसरी ओर वास्तुनुसार ज्यादातर लोग अपने दरबाजे पर दोनों ओर शुभ लाभी सिंदूर से ही लिखते ही है इसके पीछे भी एक बड़ा रहस्य छिपा होता है। आपने देखा होगा कि कुछ लोग अपने दरवाजे पर सिंदूर का टीका लगा कर रखते हैं। वास्तु विज्ञान के अनुसार दरवाजे पर सिंदूर और तेल लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं होता है। यह घर में मौजूद वास्तुदोष को भी दूर करने में कारगर माना जाता है।
वैसे तो शास्त्रों के अनुसार घर पर सिंदूर लगाने से किसी तरह की नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर पाती है और जो पहले से विद्यमान है, उसे बाहर कर देती है। मान्यता है कि दरवाजे पर सिंदूर लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। साथ ही सिंदूर में तेल मिलाने से शनि देव भी प्रसन्न होते हैं और तमाम बुरी नजर से रक्षा करते हैं। शास्त्रों की माने तो अगर किसी महिला को वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी है या उसे अपनी दरिद्रता दूर करनी है तो उसे सिंदूर से अपनी मांग भरनी चाहिए।
गुरु पुष्य योग या शुक्ल पक्ष के पुष्य योग में श्री गणेशजी के मंदिर में सिंदूर का दान करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। ऐसा करने से किसी भी तरह की परीक्षा में सफलता मिलने के योग बढ़ जाते हैं। अगर पति- पत्नी में प्रेम संबंध कम हो रहा है तो उसे बढ़ाने के लिए भी सिंदूर का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
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