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ये है खास 3 लोग जो दुनिया में कहीं भी बिना पासपोर्ट के कर सकते है यात्रा

नई दिल्ली। किसी भी देश में जाने के लिए सबसे जरूरी चीज पासपोर्ट है। इसके बिना दूसरे देश में कोई पहचान नहीं रह जाती है। दुनिया में पासपोर्ट सिस्टम शुरू हुए 102 साल हो गए है। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री भी जब एक देश से दूसरे देश जाते हैं तो उन्हें भी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखना होता है लेकिन 03 ऐसे खास लोग भी हैं, जो किसी भी देश में बगैर पासपोर्ट के ही जा सकते हैं। जी हाँ, बल्कि जब ये कहीं जाते हैं तो उनकी अतिरिक्त आवभगत की जाती है और प्रोटोकॉल के अनुसार पूरा सम्मान भी दिया जाता है।

20वीं सदी की शुरुआत से ही ये नजर आने लगा था कि अगर एक देश से दूसरे देश में चोरी चुपके आने वालों पर काबू नहीं किया गया तो कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाएंगी। उस समय आज की तरह पासपोर्ट में सेक्योरिटी फीचर्स भी नहीं थे कि जाली पासपोर्ट को तुरंत पहचान लिया जाए।

सूत्रों के मुताबिक, उस समय दुनिया के किसी भी देश के बीच कोई ऐसा समझौता भी नहीं था कि जब किसी देश का नागरिक दूसरे देश जाए तो उसके पास पुख्ता डाक्यूमेंट हों। उसका उस देश में आना भी नियमों से जोड़ा जाए। 1920 में अचानक सब कुछ बदल गया। लीग ऑफ नेशंस में इस पर गंभीरता से विचार हुआ कि पासपोर्ट जैसी व्यवस्था को होना चाहिए। इसकी पहल अमेरिका कर रहा था ताकि उसके देश में चोरीचुपके आने वाले अप्रवासियों पर रोक लगाई जा सके। 1924 में जाकर अमेरिका ने अपनी नई पासपोर्ट प्रणाली जारी कर दी।


अब पासपोर्ट दूसरे देश की यात्रा करने वाले शख्स के लिए एक आधिकारिक पहचान पत्र बन चुका है। जिसमें उसका नाम, पता, उम्र, फोटो, नागरिकता और हस्ताक्षर सभी कुछ होते हैं। जिस देश में वह जाता है उस देश के लिए भी आसानी हो जाती है। अब तो तमाम देश ई पासपोर्ट जारी करने लगे हैं।

ये है खास 3 लोग जो कर सकते है यात्रा
हम आपको बताते है कि कौन से वो 03 लोग हैं, जिन्हें दुनिया में कहीं भी जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत ही नहीं होती। ये खास लोग ब्रिटेन के किंग और जापान के राजा और रानी है। चार्ल्स के राजा बनने से पहले ये विशेषाधिकार क्वीन एलिजाबेथ के पास था। जब एलिजाबेथ क्वीन थीं तब उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती थी लेकिन उनके पति प्रिंस फिलिपर को जरूर डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखना होता था। वैसे ये भी जान लीजिए कि ब्रिटेन में सत्तारूढ पुरुष को ही किंग की उपाधि से नवाजा जाता है जबकि राज सिंहासन पर बैठने वाली क्वीन के पति को जिंदगीभर प्रिंस ही कहा जाता है।

जानें जापान ने ये व्यवस्था कब शुरू की
जापान के डिप्लोमेटिक रिकॉर्ड बताते हैं कि वहां के विदेश मंत्रालय ने अपने सम्राट और सम्राज्ञी के लिए ये खास व्यवस्था 1971 से शुरू की कि जब जापान के सम्राट और सम्राज्ञी विदेश जाएंगे तो उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी।जापान में विदेश मंत्रालय ने ये व्यवस्था करने के पहले पर्याप्त चिंतन मनन और चर्चा की।

जापान भी दुनिया के सभी देशों को एक आधिकारिक पत्र इस बारे में भेजता है कि उनके सम्राट और सम्राज्ञी को बगैर पासपोर्ट के केवल इस आधिकारिक पत्र के बिना पर उनके देशों में आने की इजाजत रहे, वो जब भी आएं तो इस पत्र को ही उनके पासपोर्ट के तौर पर लिया जाए। वैसे जापान का विदेश मंत्रालय और ब्रिटेन में किंग का सचिवालय उनके विदेश जाने की स्थिति में अग्रिम तौर पर उनके कार्यक्रम की जानकारी संबंधित देश को भेज देता है।


प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के लिए
दुनिया के सभी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जब एक से दूसरे देश जाते हैं तो उन्हें पासपोर्ट रखना होता है बस उनके पासपोर्ट डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होते हैं, लेकिन उन्हें मेजबान देश द्वारा पूरा प्रिविलेज दिया जाता है। उन्हें खुद भौतिक तौर पर आप्रवासन विभाग के अधिकारियों के सामने पेश नहीं होना पड़ता और सुरक्षा जांच और अन्य प्रक्रियाओं से भी वह मुक्त रहते हैं। भारत में ये दर्जा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति को हासिल है।

भारत तीन रंग के पासपोर्ट जारी करता है। सामान्य लोगों के लिए नीले रंग का पासपोर्ट। सरकार से जुड़े उच्चाधिकारियों और मंत्रियों के लिए आधिकारिक पासपोर्ट जबकि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट मैरून रंग का होता है और ये देश में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए जारी होता है।

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