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इस बार एक ही दिन पड़ रहे महादेव के ये दो खास व्रत, आप भी जरूर जान लें पूजा विधि

हिंदू धर्म में भगवान शिव (Lord Shiva) बहुत दयालु और कृपालु माने जाते हैं. कहते हैं कि भगवान शिव बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि भगवान शिव (Lord Shiva) के प्रिय व्रत हैं। मान्यता है कि जो भक्त भोलेशंकर के ये व्रत रखते हैं भगवान उनसे शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएं (wishes) पूरी करते हैं। इतना ही नहीं, भक्तों को संकट से मुक्ति मिलती है।

प्रदोष व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। मासिक शिवरात्रि का व्रत (Masik Shivratri Vrat) हर माह की चतुर्दशी को रखा जाता है। मार्गशीर्ष माह (Margashirsh Month) में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रही है। इस बार 2 दिसबंर के दिन भगवान शिव के भक्त प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत रखेंगे। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव और माता पार्वती (Mother Parvati) की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि (Monthly Shivratri) की तिथि, महत्व और मुहूर्त के बारे में।

प्रदोष व्रत तिथि (Pradosh Vrat Tithi 2021)
त्रयोदशी तिथि आरंभ -1 दिसंबर, बुधवार को रात 11 बजकर 35 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 2 दिसंबर, गुरुवार को रात 8 बजकर 26 मिनट तक

प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त (Pradosh Vrat Puja Muhurat 2021)
मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में ही करना शुभ होता है। 2 दिसंबर, गुरुवार के दिन पड़ रहे प्रदोष व्रत की पूजा का सही समय शाम 7 बजकर 19 मिनट से लेकर 9 बजकर 17 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत का महत्व (Bhaum Pradosh Vrat Importance)
मान्यता है कि प्रदोष व्रत श्रद्धापूर्वक और नियमपूर्वक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्टों का नाश करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कहते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन व्रत और पूजा आदि के साथ मंत्र जाप और आरती करने से मनचाहा वर मिलता है। कहते हैं कि प्रदोष व्रत में गंगाजल और सामान्य जल के साथ दूध भगवान शिव पर चढ़ाया जाना शुभ फलदायी माना जाता है।


मासिक शिवरात्रि तिथि (Masik Shivratri Tithi 2021)
कृष्ण चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 02 दिसबंर 2021, 10:56 PM
कृष्ण चतुर्दशी तिथि समापन: 03 दिसंबर 2021, 07:25 PM

मासिक शिवरात्रि महत्व (Masik Shivratri Importance)
महाशिव रात्रि के दिन पूजा, व्रत करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं, मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा-पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन रुद्राभिषेक भी करने की भी मान्यता है। भोलेशंकर को मासिक शिव रात्रि का दिन अत्यंत प्रिय होने के कारण इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहते हैं कि इस दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन की समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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