व्‍यापार

टिकट निरस्तीकरण : पश्चिम रेलवे ने की 421.04 करोड़ रुपये रिफंड अदायगी

अब तक लगभग 2350 करोड़ रुपये का नुकसान

मुंबई। कोविड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए, 22 मार्च 2020 से सभी यात्री ट्रेनों को रोक दिया गया था और भारत में पूर्ण राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की गई थी। श्रमिक मजदूरों को उनके गृहनगर में प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों को ले जाने के लिए धीरे-धीरे, श्रमिक स्पेशल ट्रेनोँ को चलाया गया। बाद में, यात्रियों की सुविधा के लिए, भारतीय रेलवे ने चरणबद्ध तरीके से यात्री ट्रेन सेवाओं को बहाल करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में, यात्रियों के लिए 230 विशेष ट्रेनें चल रही हैं, जबकि अन्य सभी नियमित ट्रेनों की सेवाएं रद्द कर दी गई हैं।

नियमित ट्रेनों के लिए आईआरसीटीसी वेबसाइट के माध्यम से बुक किए गए टिकटों को ऑनलाइन रद्द कर दिया गया था और तदनुसार यात्रिओं के खाते में क्रेडिट कर दी गयी थी, जबकि जिन यात्रियों ने पीआरएस काउंटरों के माध्यम से अपने टिकट बुक किए थे, उनके लिए चयनित नामित स्टेशनों पर टिकटों के कैंसलेशन तथा 27 मई, 2020 से बुकिंग के लिए पीआरएस काउंटरों को खोला गया था। यात्रियों को बिना किसी रद्द शुल्क के पूर्ण वापसी दी जा रही है। टिकटों के रद्दीकरण के कारण, 1 मार्च, 2020 से 29 अगस्त, 2020 तक, पश्चिम रेलवे ने 421.04 करोड़ रुपये की वापसी राशि रिफंड के तौर पर वापस करना सुनिश्चित किया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर यात्री राजस्व का कुल नुकसान लगभग 2350 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 355 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1995 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है। कोरोना काल में रेलवे को राजस्व में भारी नुकसान के बाबजूद, यात्रियों की परेशानिओं को काम करते हुए, उन्हें पूरा रिफंड दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई मंडल ने लगभग 203 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 65 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त की है।

गुड्स एवं पार्सल ट्रेनों के जरिये आवश्यक वस्तुओं का परिवहन : 23 मार्च, 2020 से 29 अगस्त 2020 तक पश्चिम रेलवे ने 503 पार्सल विशेष ट्रेनों के द्वारा 1.10 लाख टन सामग्री का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्‍पाद दवाइयां, दूध, खाद्यान, खाद्य तेल आदि शामिल हैं। इनसे 36.28 करोड़ रु. के राजस्‍व की प्राप्ति हुई है। इस अवधि के दौरान 81 मिल्क स्पेशल गाड़ियों को पश्चिम रेलवे द्वारा चलाया गया, जिनमें 61,500 टन से अधिक का भार था। इसी प्रकार, लगभग 36,700 टन से अधिक भार वाली 392 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं।

इनके अलावा, 12,800 से अधिक टन भार वाले 30 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% क्षमता के साथ के साथ चलाए गए। लॉकडाउन के दौरान पश्चिम रेलवे ने 22 मार्च, 2020 से 29 अगस्‍त, 2020 तक मालगाड़ियों के 13,353 रेकों को लोड कर 27.78 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं का लदान किया। कुल 26,269 मालगाड़ियों को अन्य जोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 13,127 ट्रेनें सौंपी गईं और 13,142 ट्रेनों को पश्चिम रेलवे के विभिन्न इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। 30 अगस्त, 2020 को ओखा से न्यू गुवाहाटी के लिए एक पार्सल विशेष रवाना हुईं। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

Next Post

मप्र कांग्रेस महासचिव मोहम्मद सलीम की कोरोना से मौत, शिवराज और कमलनाथ ने जताया दुख

Mon Aug 31 , 2020
भोपाल। मप्र में एक और राजनेता ने कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए हैं। भोपाल विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष और मप्र कांग्रेस महासचिव मोहम्मद सलीम का सोमवार सुबह निधन हो गया। कांग्रेस नेता मोहम्मद सलीम कोरोना संक्रमित थे और भोपाल के चिरायु अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। मोहम्मद सलीम ने सोमवार […]