आज यानि 7 जून सोमवार को सोम प्रदोष व्रत (som pradosh fast) है। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जा रहा है। आज भक्तों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोम प्रदोष व्रत रखा है और शिव जी की पूजा अर्चना (Worship lord Shiva) की। शाम को फलाहार के बाद व्रत खोला जाएगा। सोम प्रदोष व्रत के दिन भक्त भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश भगवान और कार्तिकेय जी की पूजा (worship) अर्चना करतें हैं । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदेव ने सबसे पहले भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखा था। दरअसल, किसी पाप के कारण चंद्रदेव को क्षय रोग हो गया था। इसी रोग से मुक्ति के लिए उन्होंने प्रदोष व्रत रखा था। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बतानें जा रहें हैं सोमव्रत में भगवानव शिव की कैसे करें पूजा तो आइये जानतें हैं …..
सोम प्रदोष पूजा का मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। 07 जून को प्रदोष काल में शाम 07 बजकर 17 मिनट से रात 09 बजकर 18 मिनट के मध्य भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त है। इस शुभ मुहूर्त में ही भगवान शिव की पूजा करें।
सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधिः
सोम प्रदोष व्रत के सुबह स्नान आदि से निवृत होकर हल्के लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। पूजा घर की सफाई करके रेशमी कपड़ों से एक मंडप बनाना चाहिए। हल्दी की मदद से स्वस्तिक बनाना चाहिए। चांदी या तांबे के कलश में शुद्ध शहद की एक धारा शिवलिंग को अर्पित करें। उसके बाद शुद्ध जल की धारा से अभिषेक करें। ॐ सर्वसिद्धि प्रदाये नमः मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए। भगवान शिव के सामने अपनी समस्या को दूर करने की विनती करें। प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और शिव चालीसा तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
भगवान शिव की पूजा में उनको बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, धतूरा, श्वेत पुष्प, मौसमी फल, शहद, गाय का दूध, गंगा जल अर्पित करना चाहिए।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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