बेंगलुरु: पूरा पैसा लेने के बावजूद शादी (Shadi) का वीडियो (Video) न देना एक वेडिंग फोटोग्राफर (wedding photographer) को भारी पड़ गया. कपल की शिकायत पर सुनवाई करते हुए उपभोक्ता अदालत ने फोटोग्राफर पर 20 हजार रुपये का जुर्माना तो लगाया ही, साथ ही ब्याज भी देने का आदेश दिया.
क्या है पूरा मामला?
मामला बेंगलुरु (Bengaluru) का है. एक कपल ने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए शिकायत की थी कि मार्च 2021 में उनकी शादी थी. उन्होंने एक फोटोग्राफर हायर किया और 80 हजार रुपये में फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी (photography-videography) की बात तय हुई. इसी पैसे में फोटोग्राफर ने एलबम और वीडियो सीडी भी देने का वादा किया था. कपल ने कहा कि उन्होंने 15 जनवरी 2021 को 5000 रुपये एडवांस दे दिए. साथ ही कुछ रकम शादी वाले दिन और कुछ एल्बम और सीडी मिलने के बाद देने की बात तय हुई.
सीडी मांगी तो करने लगा टाल-मटोल
कपल का आरोप है कि 5 मार्च 2021 को उनकी शादी बीतने के 15 दिन बाद भी फोटोग्राफर ने उन्हें वीडियो सीडी नहीं दी, जबकि उन्होंने पूरे 80 हजार रुपए दे दिए थे. जब कपल फोटोग्राफर से सीडी मांगता तो वह टाल-मटोल करने लगता. हर बार कोई ना कोई बहाना बना देता. Bar&Bench की रिपोर्ट के मुताबिक पहले कपल ने फोटोग्राफर को एक लीगल नोटिस भेजा, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम का रुख किया और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए 2 लाख रुपये का हर्जाना मांगा था.
उपभोक्ता अदालत ने क्या कहा?
जिला उपभोक्ता अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कपल के लिए उसकी शादी का एल्बम और वीडियो बहुत महत्वपूर्ण होता है और मायने रखता है. चूंकि फोटोग्राफर ने पूरा पैसा लेने के बावजूद वीडियो नहीं दिया, इसलिए यह उसकी सेवा में कमी के दायरे में आता है. फोटोग्राफर को 20 हजार रुपये जुर्माना देना होगा. साथ ही 10 ब्याज भी देना होगा. अदालत ने यह भी कहा कि अगर फोटोग्राफर ने अब तक सीडी तैयार कर ली है तो उसे हर्जाने के साथ कपल को सौंप दे, क्योंकि शादी एक यादगार मौका होता है और ऐसी मेमोरी दोबारा क्रिएट नहीं की जा सकती है.
फोटोग्राफर ने क्या दलील दी?
सुनवाई के दौरान फोटोग्राफर ने दलील दी की उसे कोई वीडियो एडिटर नहीं मिल पाया, इसलिए समय पर वीडियो एडिट नहीं हुआ. इसी के चलते देरी हुई. लेकिन उपभोक्ता अदालत को जो सबूत मिले उससे, फोटोग्राफर की बात सिद्ध नहीं हो पाई.