- सामाजिक संस्थाएं छत्री जुटाने से लेकर एनर्जी ड्रिंक तक दिलाने के लिए आ रही आगे
भोपाल। समय के साथ धूप ने अपने तेवर दिखाने शुरु कर दिए हैं। दोपहर के समय चिलचिलाती गर्मी लोगों को बेहाल करने लगी है। ऐसे में सड़कों पर तैनात यातायात पुलिस के जवान अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। वाहन चैकिंग से लेकर यातायात नियमों का उल्लंधन करने वालों के साथ कढ़ाई से पेश आया जा रहा है। एक चालान बनाने के लिए पुलिसकर्मियों को तमाम प्रकार की दुशवारियों का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों ने इन जवानों को धूप से बचाने और बॉडी को हाईड्रेट (जलयोजित) रखने को लेकर अस्थाई चौकियों बनाने पर विचार किया है। मार्च के तीसरे हफ्ते तक इस कार्य को पूरा करने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि इन दोनों कामों को अंजाम तक ले जाने के लिए बजट एक बड़ी समस्या है। इसके लिए पुलिस समाजिक संस्थाओं के आगे आने की उम्मीद में है।
ओआरएस घोल से होगी बॉडी हाईड्रेट
इस साल ट्रैफिक पुलिस के जवानों को हाईड्रेट रखने के लिए ओआरएस का घोल तथा पानी की उपलब्धता महौया कराने पर आला अधिकारी प्रयासरत हैं। जल्द यातायात व्यस्थाओं में तैनात पुलिस जवानों को सिर में लगाने के लिए छत्री भी महौया कराई जाएगी। हाथ में पकड़े रहने की झनझट और काम प्रभावित न हो इसके लिए उक्त छत्री पुलिस जवान सिर में कैप की जगाह लगा सकेंगे। उक्त विशेष छत्री सफेद रंग की होगी। कुछ छत्रियां यातायात पुलिस के पास पहले से मौजूद हैं। जिन्हें रिपेयर कराने और साफ कराने का काम शुरु कर दिया है। कुछ छत्रियां समाजिक संस्थाओं की मदद से जल्द ट्रैफिक पुलिस को महौया कराई जाएंगी।
महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी मुस्तैद
तेज धप में भोपाल की सड़कों पर 150 महिला पुलिसकर्मी ाी अपनी-अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम दे रही हैं। घंटो चैकिंग पाइंट पर खड़ी यह महिला जवान अपने फर्ज को निभाती हैं। दिन के समय में महिला जवानों से कम काम लिया जाए इस पर भी अधिकारियों ने विचार किया है। इसके एवज में रात के समय में चैकिंग पाइंट लगाए जाएंगे। जिसमें महिला पुलिस कर्मचारियों का अधिक इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि गर्मियों में दिन की तुलना में रात के समय में लोग अधिक घरों से बाहर निकलते हैं। इससे शाम 6 बजे के बाद से रात 11 बजे तक सड़कों पर ट्रैफिक का भार अधिक रहता है।