अल्मोड़ा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा के लमगड़ा ब्लॉक के गांव के लोगों ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसके बाद शराब पीने वाले लोग परेशान हो जाएंगे. इस गांव के लोगों ने बैठक कर सहमति से फैसला किया है कि अब से गांव में किसी भी शुभ कार्य में शराब नहीं परोसी जाएगी. गांव वालों ने ये फैसला गांव की भलाई के लिया है. उनका कहना है कि जो इस फैसले के खिलाफ जाएगा. उसका सभी गांव वाले मिलकर सामूहिक बहिष्कार कर देंगे और उसके किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
लमगड़ा ब्लॉक में एक गांव है, जिसका नाम सत्यों है. इस गांव के लोगों ने मिलकर तय किया है कि गांव में किसी भी तरह का कोई भी कार्यक्रम हो. किसी में भी शराब नहीं परोसी जाएगी. अक्सर देखा जाता है कि शादी, बर्थडे पार्टी या और किसी भी तरह के समारोह में शराब परोसी जाती है. इस तरह से शराब परोसने का चलन बढ़ता ही जा रहा था. इसलिए अब सत्यों गांव के लोगों ने इसका विरोध करते हुए ये फैसला लिया है.
रविवार को इस गांव के लोगों ने मिलकर एक बैठक की, जिसमें उन्होंने फैसला लिया कि शादी हो, बर्थडे पार्टी हो, नामकरण कार्यक्रम हो या फिर कोई त्योहार होली-दिवाली हो. किसी भी समारोह में शराब नहीं परोसी जाएगी, जो भी शराब परोसेगा. उसका गांव वाले सामूहिक बहिष्कार कर देंगे. गांव वालों ने फैसला किया है कि फैसले के खिलाफ जाने वालों के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ जाएगा.
इस पहल को सफल बनाने के लिए गांव वालों ने एक समिति का गठन भी किया है, जिसमें ग्राम प्रधान नीमा सतवाल को अध्यक्ष बनाया गया है. पुष्पा देवी नाम की महिला को उपाध्यक्ष, गीता आर्या को सचिव और अनीता देवी के साथ 12 लोगों को इस समिति का सदस्य बनाया गया है. गांव वालों ने इस फैसले पर अमल करने के लिए सभी गांव वालों से अपील की है. ये पहल नशे के खिलाफ भी एक कदम है, जिससे आने वाली पीढ़ी नशे से दूर रहे.
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