नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में जिस तेजी से निवेश (Invest) के आंकड़े सामने आए थे, उसी तेजी से लोग अब इससे पैसे निकाल भी रहे हैं। दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट या बैन (Ban) करने की खबरों से डरे निवेशकों ने हड़बड़ाहट में बिकवाली की है. बीते 1 हफ्ते में ही निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसीज में लगी अपनी 1000 करोड़ से ज्यादा रकम निकाली है।
क्रिप्टोकरेंसी ((Cryptocurrency) को बैन या रेगुलेट करने वाला बिल संसद के मौजूदा सत्र में नहीं आया. लेकिन इस बिल के आने की आहट भर से बीते करीब 1 महीने से क्रिप्टो मार्केट में उथल-पुथल मची रही है. लोग तेजी से क्रिप्टोकरेंसी बेच रहे हैं, निवेशक इससे पीछे छुड़ा रहे हैं।
बैन की खबर से घबराहट
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जारी दुविधा के बीच इस वर्चुअल संपत्ति से लोगों का भरोसा डगमगाने लगा है. निवेशकों ने 11 से 17 दिसंबर के बीच एक हफ्ते में क्रिप्टोकरेंसी से रिकॉर्ड 14.2 करोड़ डॉलर यानी करीब 1,073.7 करोड़ रुपये की निकासी की है।
आंकड़ों के मुताबिक 17 हफ्ते में पहली बार क्रिप्टोकरेंसी से निकासी हुई है. इससे पहले जून 2021 में 9.7 करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की बिकवाली हुई थी।
हालांकि इस गिरावट की अकेली वजह भारतीय मार्केट नहीं है. ये ग्लोबल गिरावट भी है और इसका एक अहम कारण ओमिक्रॉन के मामलों में हो रही बढ़ोतरी है. इसके अलााव लगातार बढ़ती महंगाई ने भी खेल बिगाड़ा है।
वैश्विक वित्तीय बाजारों में बढ़ते जोखिम के बीच बिटक्वाइन (Bitcoin) पिछले महीने 69 हजार डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर अब 46 हजार डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया है। 17 दिसंबर को खत्म हफ्ते में बिटक्वाइन आधारित फंड से भी 8.9 करोड़ डॉलर की निकासी हुई।
क्रिप्टो निवेशकों की संख्या करीब 10 करोड़
इसी से समझा जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार में किस तरह हाहाकार मचा है. भारत में क्रिप्टो निवेशकों की अनुमानित संख्या करीब 10 करोड़ है. ऐसे में अगर सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कड़ा कदम उठाती है तो फिर निवेशकों में बिकवाली एकमात्र उपाय बच जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कार्यसूची में क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन और उसे बैन करने का बिल आने की बात कही थी. इसके बाद से ही क्रिप्टो बाजार में हाहाकार मच गया था. लेकिन अब इस बिल के ना आने से इन निवेशकों की दुविधा कई गुना बढ़ गई है।
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