- ठेकेदार द्वारा रोजाना आबकारी विभाग से उठाई जा रही डेढ़ करोड़ की शराब-शाम को समेट रहे ढाई करोड़ से ज्यादा का गल्ला
उज्जैन। महंगाई की मार से हर कोई परेशान है। इस बीच जिले में देशी एवं अंग्रेजी शराब की दुकानों से रोज ढाई करोड़ से ज्यादा की शराब बिक रही है। सुबह ठेकेदार आबकारी विभाग से लगभग डेढ़ करोड़ का माल उठाते हैं और शाम को ठेकों से ढाई करोड़ से ज्यादा का गल्ला उठाया जा रहा है। महंगाई की मार से जहाँ एक ओर गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों ने अपनी जरूरतों को सीमित करने शुरु कर दिया है वहीं दूसरी और शराब महंगी होने के बाद भी इसकी बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ रहा। हाल ही में देशी शराब पर 20 रुपए बोतल रेट बढ़ाई गए हैं। आबकारी विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिले में देशी शराब की 137 दुकानें हैं जबकि अंग्रेजी शराब की लगभग 40 दुकानें हैं।
इन दुकानों से रोज ढाई से पौने तीन करोड़ रुपये तक की शराब बिक रही है। सुबह सभी कलालियों पर ठेकेदार द्वारा लगभग डेढ़ करोड़ का माल भरा जाता है। भारी भरकम कमाई के बावजूद उज्जैन में शराब के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि डेढ़ करोड़ का खरीदा गया माल शाम तक ढाई करोड़ की बिक्री में बदल जाता है। इतनी कमाई के बावजूद जिले में देशी एवं विदेशी शराब महंगी बेची जा रही है। जानकारों का कहना है कि शराब का अधिक सेवन करने वाले लोग लत के कारण महंगी शराब भी पीने को मजबूृर होते हैं। यहीं कारण है कि अच्छी खासी कमाई के बावजूद जिले में शराब दुकानों पर महंगी शराब ग्राहकों को बेची जा रही है। विरोध नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है। जबकि उज्जैन जिले के अलावा अन्य कई जिलों में देशी शराब के दाम यहां से काफी कम है। कोरोना काल में भी जब सभी बाजार बंद थे और अनलॉक की प्रक्रिया शुरु हुई थी तब सबसे पहले शराब की दुकानों को खोलने की छूट दी गई थी। Share: