कीव। संयुक्त राष्ट्र की बैठक (United Nations meeting) में यूक्रेन (Ukraine) ने रूस (Russia) पर कड़ा तंज कसते हुए उसे ‘आतंकवादी देश’ (‘terrorist country’) बताया है। यूक्रेन में हुए रूस के ताजा हमलों के बाद तत्काल बुलाई गई इस बैठक में रूस की निंदा की गई। साथ ही पश्चिमी देशों ने रूस को ‘आतंकवादी देश’ निरुपित करते हुए मॉस्को को अलग-थलग करने की जरूरत पर जोर दिया। संयुक्त राष्ट्र में यह बहस रूस द्वारा यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर किए गए आंशिक रूप से कब्जे को लेकर को बुलाई गई थी। परंतु इस बहस पर यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य शहरों पर हुए ताजा हमलों की छाया साफ दिखाई दी।
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या (Ukraine’s Ambassador Sergei Kislitsia) जिनका परिवार भी ताजा हमलों की चपेट में आया है, ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि रूस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह एक आतंकवादी राज्य है, जिसे सबसे मजबूत तरीके से रोका जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, जब तक आपके आस-पास एक अस्थिर और पागल तानाशाही मौजूद है, तब तक आप शायद ही स्थिर और समझदारी से शांति का आह्वान कर सकते हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को बताया कि हमलों में कम से कम 14 लोग मारे गए और 97 घायल हो गए।
इसके जवाब में रूस के राजदूत वसीली नेबेंज्या (Russian Ambassador Vasily Nebenzya) ने सीधे मिसाइल हमलों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जा करने के मामले पर अपने देश का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हम पर आरोप लगाया जा रहा है जब हम पूर्वी यूक्रेन में अपने भाइयों और बहनों की रक्षा करने, उनके जीवन का अधिकार और सबसे महत्वपूर्ण भाषा बोलने का अधिकार, अपने बच्चों को उनकी भाषा सिखाने का, उन नायकों का सम्मान करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी भूमि को फासीवाद से आजाद कराया।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि महासभा सत्र से पहले संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने हमलों में हुई वृद्धि को गैरजरूरी बताया है। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी रूस के हमलों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि ये हमले पुतिन के ‘अवैध युद्ध’ की ‘पूर्ण क्रूरता का प्रदर्शन’ करते हैं। इधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में मॉस्को से जुड़े क्रीमिया में एक महत्वपूर्ण पुल को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद और भी अधिक गंभीर जवाबी कार्रवाई करने की बात कही थी।
वायु रक्षा पहली प्राथमिकता: यूक्रेन
इससे पहले रूस द्वारा यूक्रेन के शहरों पर बड़े पैमाने पर हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बात की। इस दौरान जेलेंस्की ने कहा कि वाशिंगटन के साथ रक्षा सहयोग में हवाई सुरक्षा कीव की पहली प्राथमिकता है।
बाइडन और जेलेंस्की के बीच फोन पर यह बातचीत संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में यूक्रेन के चार शहरों पर रूस के कब्जा करने को लेकर रखे गए निंदा प्रस्ताव के मसौदे पर खुली बहस से कुछ समय पहले हुई। जेलेंस्की ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति के साथ बातचीत उपयोगी रही। वायु रक्षा वर्तमान में हमारे रक्षा सहयोग में नंबर 1 प्राथमिकता है। हमें जी 7 के सख्त रुख के साथ और हमारे संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव के समर्थन के साथ अमेरिकी नेतृत्व की भी आवश्यकता है।
रूस ने सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य स्थानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए थे, जिसकी कई देशों ने निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह गहरे सदमे में हैं और युद्ध में ‘एक और अस्वीकार्य वृद्धि’ का प्रतिनिधित्व करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, रूस के हमलों ने कथित तौर पर नागरिक क्षेत्रों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है और दर्जनों मौतें हुई हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। यह दर्शाता है कि ‘हमेशा की तरह’ 24 फरवरी को रूस के पहले हमले के बाद से ही आम नागरिक सबसे अधिक कीमत चुका रहे थे।
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन और यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के बीच बातचीत हुई थी। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन की हठधर्मिता के आगे यूक्रेनी लोगों के न झुकने को लेकर उनकी सराहना की और यूक्रेन का समर्थन करने के अमेरिकी संकल्प को फिर से दोहराया।
ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका महत्वपूर्ण आर्थिक, मानवीय और सुरक्षा सहायता प्रदान करना जारी रखेगा ताकि यूक्रेन अपनी रक्षा कर सके और अपने लोगों की देखभाल कर सके। अमेरिकी विदेश मंत्री ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के दृढ़ समर्थन की पुष्टि की। ब्लिंकन ने यूक्रेनी विदेश मंत्री के समक्ष यूक्रेन के लोगों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति भी व्यक्त की, जिन्होंने सोमवार को हुए हमलों में अपनों को खो दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है।
बड़े बैंक रूस के साथ रुपये में कारोबार से खींच रहे हाथ
रूस पर कई देशों के प्रतिबंध लगाने की खबरों के बीच भारत के बड़े बैंक अब रूस के साथ रुपये में प्रत्यक्ष कारोबार से हाथ खींचने लगे हैं। आरबीआई ने जुलाई में कहा था कि देश के बैंक तत्काल प्रभाव से भारतीय रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार निपटान की व्यवस्था स्थापित करें। इसके बाद दो छोटे बैंक प्रणाली को अपनाने के लिए आगे बढ़े हैं।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली और विशेष रूप से डॉलर के अधिक जोखिम वाले बड़े बैंक चिंतित हैं कि अगर प्रतिबंध लगा तो उनके कारोबार बाधित हो सकते हैं। रूस में एक भारतीय राजनयिक ने कहा, रूसी बैंकों ने रुपया कारोबार समझौता स्थापित करने के लिए 8 बड़े भारतीय बैंकों से संपर्क किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इन बैंकों में एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।
पुतिन बोले, रूस पर हमले का अंजाम बुरा
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि हमला यह याद दिलाने के लिए किया गया है कि रूस पर हमले का अंजाम कितना खौफनाक हो सकता है। पुतिन ने कहा कि किसी को यह शक नहीं होना चाहिए कि रूस पर हमले का जवाब नहीं मिलेगा। रूस अपनी हिफाजत किसी भी हद तक जाकर करता रहेगा।
संचार और ऊर्जा ठिकाने बने निशाना
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आधे यूक्रेन में इंटरनेट और बिजली आपूर्ति बाधित हो चुकी है। ऊर्जा और संचार ढांचा को तबाह करना ही लक्ष्य था। क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले क्रेच खाड़ी पुल पर हमले से बौखलाए रूस ने सोमवार को कीव समेत यूक्रेन के 11 शहरों को एक साथ निशाना बनाया। राजधानी कीव और लवीव रूस के खास निशाने पर रहे। कीव में सुबह आठ बजे से 11 बजे के बीच 100 से ज्यादा मिसाइलें गिरीं। हमले में रविवार शाम तक 10 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि हमले के खिलाफ रणनीति और अगले कदम उठाने के लिए उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों व जर्मनी के चांसलस ओलाफ शोल्ज से बात की है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने कीव के अलावा लवीव, नीप्रो, तेर्नोपिल, झायतोमायर, क्रेमेंचक, जपोरिझिया, खारकीव, माइकोलेइव, पोलतावा और ओडेसा में भारी बमबारी की है। हर जगह नागरिक ठिकानों और खासतौर पर ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाया गया है।
खारकीव के मेयर इहोर तेरेखोव ने बताया कि हमलों की वजह से बिजली और पानी की आपूर्ति बंद हो गई है। पहले भी खारकीव पर रूस हमला कर चुका है, लेकिन कभी नागरिक सुविधाओं को इस तरह से निशाना नहीं बनाया गया था। लवीव के गवर्नर मक्सिम कोजित्स्की ने भी बिजली सहित तमाम नागरिक सुविधाओं को निशाना बनाए जाने की बात कही।
यूक्रेनी लोगों को धरती मिटाना चाह रहे पुतिन
जेलेंस्की ने कहा कि सर्दियां आने वाली हैं, यूक्रेनी लोगों को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़े, इसके लिए रूस उनके बिजली संयंत्रों और ऊर्जा से जुड़े ढांचों को तबाह कर रहा है। रूस की इन हरकतों से साफ जाहिर होता है कि वह हार रहा है और अब मानवता के खिलाफ अपराध ही रास्ता वह रास्ता है, जिसके जरिये पुतिन अपनी हठ पूरी करना चाहते हैं। वहीं, विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि पुतिन आतंकवादी हैं, जो सिर्फ मिसाइल की भाषा बोलते हैं।
घंटों तक बंकरों में छिपे रहे लोग
रूस ने कीव सहित ज्यादातर उन ठिकानों पर हमले किए, जहां लंबे समय से शांति थी। अचानक हमले से लोगों में दहशत फैल गई। हजारों लोग घरों से निकल चुके थे, लेकिन अचानक हमले के बाद कई घंटे तक जान बचाने के लिए मेट्रो और दूसरे बंकरनुमा ढांचों में छिपे रहे।
यूक्रेन : वोट की रणनीति नहीं बताएंगे : जयशंकर
रूस द्वारा यूक्रेन के हिस्सों के कब्जे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश होने वाले निंदा संबंधी मसौदा प्रस्ताव के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत इस बात का खुलासा नहीं करना चाहता कि वह इस पर कैसे वोट करेगा। जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, विवेक और नीति के मामले में हम अपने वोटों की भविष्यवाणी नहीं करते। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में युद्ध बढ़ने, आधारभूत ढांचे को निशाना बनाने और आम लोगों की मौत पर गहरी चिंता जताई है।