संयुक्त राष्ट्र (United Nations) । कट्टरपंथी इस्लामी आतंकी संगठन अलकायदा (Radical Islamic terrorist organization Al-Qaeda) भारतीय उपमहाद्वीप (Indian subcontinent) में अपनी स्थानीय संबद्धता और संगठन को खड़ा करने में तैयारी कर रहा है। वह भारत के जम्मू-कश्मीर सहित बांग्लादेश और म्यांमार में आतंकी गतिविधियों (Terrorist Activities) को अंजाम देने की साजिश रच रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में अलकायदा की खतरनाक साजिश का दावा किया है।
इस्लामिक स्टेट (आईएस) को सहयोग और प्रतिबंधों पर निगरानी के लिए बनी टीम और यूएन सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति ने अपनी 32वीं रिपोर्ट में बताया है कि अलकायदा एक्यूआईएस (अल कायदा भारतीय उपमहाद्वीप) को ताकतवर बनाने में जुटा है। इसके जरिए वह अपनी गतिविधियां बढ़ाना चाहता है। यह भी सामने आया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में कुछ खास लोग हैं, जो एक्यूआईएस से जुड़े हैं। वे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट-खुरासान से या तो जुड़ना चाहता हैं, या फिर उसके साथ समन्वय बनाकर आतंकी गतिविधियां अंजाम देना चाहते हैं।
रिपोर्ट का दावा है कि भारतीय उपमहाद्वीप में करीब 200 आतंकी अलकायदा से जुड़े हैं। ओसामा मेहमूद इनका आमिर (सेनापति) है। अमेरिका ने दिसंबर 2022 में मेहमूद, एक्यूआईएस के डिप्टी आमिर आतिफ याह्या और आतंकियों की भर्ती करवा रहे मोहम्मद मारूफ को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। 2014 में बना एक्यूआईएस भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी जड़ें जमाने के लिए लगातार काम कर रहा है। यहां इस्लामी देश बनाना उसका लक्ष्य है।
यह जानकारी सामने आया कि अफगानिस्तान में अलकायदा के 30 से 60 सक्रिय आतंकी काम कर रहे हैं। यहां वे करीब 400 आतंकी भी भर्ती कर चुके हैं। उनके परिवारों को मिलाकर संख्या 2 हजार हो जाती है। वहीं, ईरान में रह रहा सैफ-अल-अदल अलकायदा का नया मुखिया माना जा रहा है। इसके पिछले मुखिया अयमान-अल-जवाहिरी को अमेरिका ने मार दिया था।
आईएसआईएल-के से जुड़े हुए भी करीब 6 हजार आतंकी व उनके परिजन अफगानिस्तान में हैं। उन्हें सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है, क्योंकि वे लगातार अपनी क्षमताएं बढ़ा रहे हैं। इन दोनों को मिलाकर अफगानिस्तान में कुल 20 आतंकी संगठन सक्रिय होने का अनुमान है। इनका लक्ष्य मौका मिलते ही नए क्षेत्रों में अपनी पैठ बनाना है।
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