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NASA: अमेरिका ने देखा सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा, 3 महीने बाद पृथ्वी से आएगा नजर

वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (american space agency nasa) के पास कुछ ऐसे उपकरण हैं जिनसे सूर्य को सीधे तौर पर देखा जा सकता है। अंतरिक्ष (space) में ऐसे ही एक खास उपकरण ने आंशिक सूर्य ग्रहण की तस्वीर ली है जब चंद्रमा(moon), सूर्य के करीब से गुजर रहा था।

नासा की नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी (एसडीओ) ने 24 घंटे सूर्य पर नजर रखती है। 29 जून को जब ऑब्जर्वेटरी और सूर्य के बीच चंद्रमा आया। तब एसडीओ ने इसकी तस्वीर को कैप्चर कर लिया था। उस दौरान ग्रहण के चरम पर चंद्रमा ने सूर्य के 67 प्रतिशत भाग को ढक लिया था।

नासा के मुताबिक, यह ग्रहण पृथ्वी से 25 अक्तूबर को नजर आएगा, जो अधिकांश यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया के पश्चिमी हिस्सों से दिखाई देगा। एसडीओ को फरवरी 2010 में लॉन्च किया गया था। यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी और उसके सहयोगियों का एक प्रोजेक्ट है।



एसडीओ ने सूर्य में हुए जिस विस्फोट को कैप्चर किया था, उसमें कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) भी शामिल था। कोरोनल मास इजेक्शन, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्तार होता है और अकसर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं।

एसडीओ यह अध्ययन कर रहा है कि सौर गतिविधि अंतरिक्ष के मौसम का निर्माण और संचालन कैसे करती है, जैसे कि सीएमईए पृथ्वी पर सौर तूफान कैसे पैदा कर सकते हैं। सूर्य अभी भी इस सौर चक्र की गतिविधि से तीन वर्ष दूर है, इसके जुलाई 2025 में होने की उम्मीद है।

एक दशक तक ले चुका है सूर्य की तस्वीरें
अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, उसके सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने पूरे एक दशक तक लगातार सूर्य को अपने कैमरे में कैद किया। इस दौरान इस ऑब्जर्वेटरी ने कई सारी महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा की। एजेंसी का कहना है कि वायुमंडलीय इमेजिंग असेंबली (एआईए) उपकरण अकेले प्रकाश के 10 अलग-अलग तरंग दैर्ध्य पर हर 12 सेकंड में तस्वीरों को कैद करने में सक्षम है। इस प्रकार यह अधिक मात्रा में डेटा उत्पन्न करता है।

ग्रहों के चुंबकीय क्षेत्र से टकराया है एसडीओ
कई बार तो यह ग्रहों के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्वी की ओर होती है, तो यह भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्यादा होने पर ये पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।

सूर्य की बाहरी परत को भी कर चुका है कैप्चर
हाल ही में इस उपकरण से कुछ ऐसी तस्वीरें ली गई थी, जो कि सूर्य की सबसे बाहरी वायुमंडलीय परत को दर्शाती हैं। नासा ने सूर्य के एक दशक को 61 मिनट के वीडियो के माध्यम से दिखाया है, इस दौरान इसमें हर घंटे एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। वीडियो में एक सेकंड में एक दिन को दिखाया गया है। नासा के वीडियो के मुताबिक, यह सारी तस्वीरें दो जून 2010 से एक जून 2020 तक की हैं।

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