लखनऊ । प्रदेश के 14 शहरों में 700 वातानुकूलित मिडी इलेक्ट्रिक बसें जल्द सरपट दौड़ेंगी। इनके संचालन की कार्ययोजना पर नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने अधिकारियों को इन 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए चार्जिंग स्टेशन को अधिक से अधिक बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यूटीएफ (समर्पित नगरीय परिवहन निधि) को 150 करोड़ से 250 करोड़ रुपये बढ़ाए जाने को लेकर शासन स्तर पर स्वीकृत कराने के लिए आश्वासन भी दिया है।
नगर विकास मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि लखनऊ समेत अन्य 14 शहरों में संचालित होने वाली बसों पर रूट भी अंकित किया जाए, जिससे जनता को बसों के रूट की जानकारी आसानी से हो सके। ये रूट चार्ट बसों के पीछे व आगे अंकित किया जाएगा। उन्होंने रूट अंकित होने के पीछे का उद्देश्य बताते हुए कहा कि रूट लिखे होने से हमारी जनता को रूट की जानकारी हो सकेगी साथ ही बस किस-किस क्षेत्र से गुजरती है इसकी भी जानकारी हो सकेगी। बता दें कि अभी फिलहाल प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर में 40 वातानुकूलित इलेक्ट्रानिक बसें चल रही है।
नगर विकास मंत्री ने बसों की साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर कहा कि लोगों को सुन्दर बसों की तरह बसों के अंदर का भी वातावरण स्वच्छ मिले इसके लिए ऑटोक्लीनिंग व्यवस्था कराने पर विचार करें।
किन शहरों में कितनी बसों का होगा संचालन
आगरा-100, लखनऊ-100, कानपुर-100, मथुरा-50, गाजियाबाद-50, मेरठ- 50, वाराणसी-50, अलीगढ़-25, बरेली- 25, मुरादाबाद- 25, शाहजहांपुर- 25, गोरखपुर-25, झांसी-25, प्रयागराज-25 में बसें।
बसों के संचालन पर प्रति इकाई कितना हो रहा खर्च
इलेक्ट्रिक बसों का क्रय(प्रति बस)- 1.30 करोड़ रुपये
इलेक्ट्रिकबसों का चार्जर(4 बसों हेतु 1)-25 लाख रुपये
वर्कशॉप हेतु टूल एंड प्लांट(प्रति डिपो)- 2.32 करोड़ रुपये।
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