कानपुर। उत्तरप्रदेश के बहुचर्चित धर्मांतरण मामले (Popular conversion cases of Uttar Pradesh) में आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) की लखनऊ, नोएडा और कानपुर यूनिट के अफसर एक्सपर्ट की मदद के साथ आदित्य के घर पहुंचकर कई घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उसने कई चौकाने वाले खुलासे किए। यह भी पता चला कि धर्मांतरण के तार नेशनल डेफ एसोसिएशन दिल्ली से जुड़े हुए हैं। आदित्य को वहां ले जाया गया था। नौकरी, पैसे और शादी का लालच दिया गया था। आदित्य ने एटीएस को अलीगढ़ निवासी एक मूक बधिर छात्र की फोटो दी।
बताया कि अब इसका धर्मांतरण होना है। एटीएस इस छात्र को बचाने में जुट गई है। आशंका है कि किसी आतंकी संगठन से भी उमर के तार जुड़े हो सकते हैं। एटीएस, मिलेट्री इंटेलीजेंस ने इस संबंध में तफ्तीश शुरू कर दी है। एटीएस की टीम मंगलवार दोपहर पी ब्लॉक काकादेव में आदित्य के घर पहुंची। यहां पर एक सांकेतिक भाषा एक्सपर्ट भी मौजूद थीं।
खबरों के मुताबिक एटीएस ने एक्सपर्ट की मदद से तीन घंटे तक आदित्य से पूछताछ की। आदित्य ने बताया कि ज्योति बधिर स्कूल में शिक्षित करने आए एक शिक्षक ने उसको इस्लाम अपनाने के लिए सबसे पहले प्रेरित किया। इसके बाद चमनगंज निवासी मो. वासिफ से संपर्क कराया। मैसेंजर और टेलीग्राम पर वासिफ उसे मोहम्मद उमर के वीडियो भेजकर उसका माइंड वॉश करता रहा। आखिर में उसका संपर्क सीधे उमर से कराया।
धर्मांतरण सर्टिफिकेट के मुताबिक 14 जनवरी 2021 को आदित्य इस्लाम अपनाकर अब्दुल कादिर बना। तकरीबन 10 महीने तक उसको मोटिवेट किया गया। तब जाकर उसने इस्लाम धर्म अपनाया। उसने बताया कि जब वह घर से भागकर गया था तो दिल्ली में उमर गौतम और जहांगीर ने ही उसको रखा था। एक नौकरी भी दिलाई थी। नौकरी क्या थी इस बारे में स्पष्ट नहीं बताया।
बता दें कि एटीएस की टीम ने आदित्य से पूछताछ कर कई साक्ष्य जुटाए। इंस्टाग्राम पर उमर के तमाम वीडियो मिले। इसमें वह धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करते सुनाई व दिखाई दे रहा है। कुछ वीडियो आदित्य के भी मिले। वह सांकेतिक भाषा में कुछ बातें समझाने का प्रयास कर रहा है। इस्लाम से संबंधित तमाम किताबें भी आदित्य के पास से मिली हैं। ये किताबें उसको उमर ने उपलब्ध कराई थीं। लोगों में ये किताबें बांटी जाती थीं। एटीएस ने इन किताबों और आदित्य के मोबाइल को सीज कर दिया है।
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