लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) री राजधानी लखनऊ (Lucknow) के इंदिरानगर सेक्टर 12 (Indiranagar Sector 12) में रहने वाले शिपिंग कंपनी के इंजीनियर (Shipping company engineer) 33 वर्षीय अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में शाहजाह में मौत हो गई। उनका शव 29 जून को समुद्र के बीच शिप के इंजन रूम एरिया में संदिग्ध हालात पड़ा मिला। परिवारीजनों ने बातचीत में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने यूएई की सिनर्जी अरेबिया और नवी मुंबई की अविश्का शिपिंग कंपनी के अफसरों और कर्मचारियों पर साजिश और तथ्य छिपाने का आरोप लगाया है।
पिता अनिल तिवारी के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार बेटे की मौत 29 जून को दोपहर तीन बजे (यूएई) भारतीय समय 4:30 बजे शाम को हुई। कंपनी के अफसरों ने पांच घंटे बाद रात 22:37 बजे फोन कर जानकारी दी। पांच घंटे बाद उन्होंने आखिर क्यों बताया? इसके पीछे क्या साजिश थी? इन तमाम बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है। अनिल तिवारी ने बताया कि बेटा मार्च के पहले हफ्ते में आया था। वह पहले एक अन्य शिपिंग कंपनी में नौकरी करता था। अपनी प्रोफाइल नवी मुंबई स्थित अविश्का शिपिंग कंपनी को भेजी थी। बेटा दुबई गया। नौ दिन तक उसकी ट्रेनिंग हुई। 28 जून की शाम को बताया कि सुबह चार बजे शारजाह के लिए निकलना था। इसके बाद अगले दिन रात 22:37 बजे कंपनी से फोन आया बताया गया कि बेटे की मौत हो गई।
आज लाया जाएगा अनुराग का शव
अनिल तिवारी ने बताया कि बेटे का शव भेजने के लिए कहा तो उन्होंने बताया कि 15 दिन का समय लग जाएगा। शुक्रवार से रविवार तक वहां कोई काम नहीं होता है। इसके बाद उन्होंने यूएई एंबेसी में तैनात अपनी रिश्तेदार से संपर्क किया। इसके बाद एक्स पर पोस्ट कर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री, पीएमओ, विदेश मंत्रालय, विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर और राहुल गांधी को टैग किया। बेटे का शव शनिवार सुबह 7:30 बजे लखनऊ पहुंचने की बात कही।
हाथ से छूट गया था खाने का निवाला
अनुराग की मां ने बताया कि 29 जून की रात घर पर सभी लोग के लिए लिए डाइनिंग टेबल पर बैठे थे। पति सेंट्रल टेबल पर बैठे थे। उनके बाद मैं, फिर बड़ा बेटा मयंक (अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट) फिर बहू (अनुराग की पत्नी) भव्या (एचडीएफसी बैंक गोमतीनगर मैनेजर) सभी बैठे थे। इस बीच 22:38 बजे फोन की घंटी बजी। अनिल ने खाना खाते ही फोन रिसीव किया बेटे की मौत की सूचना मिलते ही खाने का निवाला मुंह से बाहर आ गया।
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