विदेश

MOON पर सैन्य फैक्ट्री लगाने की तैयारी में अमेरिकी सेना


वाशिंगटन। दुनिया के सभी देश चांद पर अपना ठिकाना बनाने की कोशिश में हैं। वहीं पृथ्वी पर सबसे ताकतवर मानी जाने वाली अमेरिकी सेना चांद पर सैन्य फैक्ट्री और अन्य विशालकाय भवन बनाने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद अंतरिक्ष में भी खुद को ताकतवर बनना है।

अमेरिका के डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी US Defense Advanced Research Projects Agency(DARPA) ने इसके लिए एक नया प्रोजेक्ट बनाया है। वाणिज्यक अंतरिक्ष कंपनियों Commercial space companiesसे चांद की सतह पर सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए ठिकाना तैयार करने में मदद ली जाएगी। डीएआरपीए ने इसके लिए नॉवेल ऑर्बिटल एंड मून मैन्युफैक्चरिंग (Novel Orbital and Moon Manufacturing), मटेरियल एंड मास एफिसिएंट डिजाइन Material and Mass Efficient Design (एनओएम4डी) तैयार किया है जिसके तहत चांद पर सैन्य फैक्ट्री और अन्य भवन संरचना का निर्माण होगा।


डीएआरपीए डिफेंस साइंस ऑफिस (DARPA Defense Science Office) के प्रोग्राम मैनेजर बिल कार्टर का कहना है कि एनओएम4डी के तहत चांद पर ऐसा ढांचा तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है जिससे अंतरिक्ष की दुनिया में सैन्य ताकत को बढ़ावा मिले और वो सभी तरह की सुविधाओं से लैस हो।

बिल कार्टर का कहना है कि हम ऐसे प्रस्तावकों का इंतजार कर रहे हैं जो जो पृथ्वी के बजाय चांद पर सेना के लिए एक आधुनिक सुविधाओं से लैस मूलभूत ढांचा तैयार कर सकें । इसमें उन्हें युद्धाभ्यास, ग्रहण, चांद के वातावरण और अंतरिक्ष के विशिष्ट चक्रों का भी विशेष ध्यान रखना होगा जिससे आपात स्थिति में किसी तरह की कोई दिक्कत तकलीफ न पेश आए। चांद पर सैन्य ठिकाना बनाना चुनौती भरा काम है क्योंकि यहां सब कुछ तकनीक पर निर्भर है।

नासा (NASA) 2024 में आर्टेमिस मिशन (Artemis Mission) के तहत चांद (Moon) पर मनुष्यों के लिए स्थायी ठिकाना बनाना चाहता है। कहा जा रहा है कि अगर वो इस कार्यक्रम में सफल होता है तो उसकी अगली कोशिश चांद की सतह पर मौजूद पानी और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल करना है। डीएआरपीए (DARPA) का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक चांद पर सैन्य ठिकाने (Military base) का ढांचा तैयार करे। इसके तहत सबसे पहले सैन्य उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ चांद पर आधुनिक तरह के रोबोट को क्रियाशील करना है। अमेरिकी सेना चांद पर सैन्य बेस कैंप बनाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ पहले से काम कर रही है।

चांद पर प्रस्तावित सैन्य बेस कैंप पूरी तरह वैज्ञानिक आधार पर तैयार किया जाएगा। इसमें सौर्य किरणों के जरिए ऊर्जा का उत्पादन, रेडियो फ्रिक्वेंसी, एंटीना और बहुत दूरी तक देखने में सक्षम लॉन्ग वेव इन्फ्रारेड टेलीस्कोप का इस्तेमाल हो सकता है। जानकारों की मानें तो अमेरिकी सेना अंतरिक्ष में खुद को मजबूत करने के लिए ये कदम उठा रही है। इसके अलावा उसकी कोशिश है कि वो अपने दुश्मनों पर अंतरिक्ष से निगेहबानी कर सके और वहीं से कार्रवाई करे।

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