नई दिल्ली। विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्हें एक ऐसे बल्लेबाज और एक ऐसे कप्तान के रूप में जाना जाएगा जिसने खेल के सबसे पुराने प्रारूप की प्रतिष्ठा को ऊपर उठाने के लिए वह सब किया जो वह कर सकते थे। टेस्ट में कोहली की कप्तानी में भारत ने कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स बनाए, जो पहले कभी नहीं देखे गए। खासकर विदेशी परिस्थितियों में कोहली की टीम ने कई इतिहास रचे। बतौर कप्तान कोहली का टेस्ट रिकॉर्ड इसका सटीक गवाह है। हालांकि, बहुत से फैंस टेस्ट करियर के दौरान उनके त्याग से अवगत नहीं हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एरॉन फिंच ने इसका खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे कोहली ने टीम इंडिया को खुद से हमेशा ऊपर रखा और जो किया टीम की जीत के लिए किया। फिंच की बात से भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री भी सहमत दिखे।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पिछले कुछ वर्षों में एक बल्लेबाज के रूप में कोहली की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन इसके पीछे उनका निस्वार्थ है। फिंच ने जियो स्टार पर एक चैट शो में बताया कि कैसे कोहली ने अपने घर में टेस्ट सीरीज के दौरान स्पिन-फ्रेंडली पिचों का समर्थन किया ताकि उनकी टीम को जीत हासिल करने का बेहतर मौका मिल सके, भले ही इस तरह की रणनीति से उनके प्रदर्शन पर असर पड़े।
फिंच ने कहा, ‘विराट की कप्तानी के बारे में मेरे लिए जो बात सबसे अच्छी है वही में आपको बताऊंगा। आप अब उनके आंकड़ों को देखकर कह सकते हैं कि वे उतने अच्छे नहीं हैं जितने पांच साल पहले थे, लेकिन वह भारत में कुछ ऐसे विकेटों पर खेले जो पहले दिन से ही बेहद स्पिन कर रहे थे। यह अपने अहंकार को एक तरफ रखकर यह कहने के बारे में था कि इस समय मेरी टीम के लिए टेस्ट मैच जीतने के लिए सबसे बेहतर चांस क्या है।’
फिंच ने कहा, ‘वे सपाट विकेट पर खेल सकते थे और कह सकते थे कि मैं खुद रन बनाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि मेरा रिकॉर्ड सर्वकालिक महान खिलाड़ियों के साथ बना रहे, लेकिन उन्होंने अपने अहंकार को एक तरफ रख दिया और कहा- मैं चाहता हूं कि मेरी टीम के लिए यह मैच जीतने के लिए सबसे बेहतर विकल्प क्या है।’ फिंच की यह बात सुनकर वहां बैठे शास्त्री भी खुद को कहने से नहीं रोक सके।
शास्त्री ने कहा, ‘शानदार पॉइंट है। इसमें भी सबसे अच्छी बात यह है कि यह मेरे बजाय आप कह रहे हैं।’ कोहली तीनों प्रारूप में टीम इंडिया की कमान भी संभाल चुके हैं। वह 2014 में धोनी के संन्यास के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहली बार कप्तान बने थे। तब से लेकर 2022 में दक्षिण अफ्रीका दौरे तक टेस्ट में कप्तान रहे। वहीं, 2021 में उनसे टी20 और वनडे की कप्तानी छीन ली गई थी। कोहली ने अपना टेस्ट डेब्यू में 20 जून 2011 को सबिना पार्क में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। वहीं, आखिरी टेस्ट उन्होंने इसी साल सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
कोहली ने कुल मिलाकर 123 टेस्ट खेले और इसकी 210 पारियों में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए। इसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट करियर में कोहली ने कुल 1027 चौके और 30 छक्के लगाए। इसके अलावा टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 125 मैचों में 48.7 की औसत और 137.05 के स्ट्राइक रेट से 4188 रन बनाए। इसमें एक शतक और 38 अर्धशतक भी शामिल हैं। वनडे में कोहली 302 मैचों में 57.88 की औसत और 93.35 के स्ट्राइक रेट से 14181 रन बना चुके हैं। इसमें 51 शतक और 74 अर्धशतक शामिल हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved