नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) खेलों में भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया. जहां एक तरफ पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद कांस्य पदक जीता, वहीं महिला टीम भी इसी पदक के लिए ग्रेट ब्रिटेन का सामना करने वाली है. इस साल के ओलंपिक खेलों में महिला टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया (Vandana Kataria) ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन वो अपनी टीम को फाइनल तक नहीं पहुंचा पाईं.
सेमीफाइनल में मिली मात
ओलंपिक इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम ने इस बार सबका दिल जीता. हॉकी टीम भले ही गोल्ड और सिल्वर जीतने से चूक गई हों, लेकिन उनके पास कांस्य जीतकर इतिहास रचने का मौका है. सेमीफाइनल मैच में एक टक्कर के मुकाबले में उन्हें अर्जेंटीना से 2-1 से मात मिली.
वंदना के घर के बाहर हुआ हंगामा
महिला टीम को जैसे ही अर्जेंटीना के खिलाफ सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा तभी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया (Vandana Kataria) के घर के बाहर कुछ लोगों ने हंगामा किया. वंदना के परिवार ने बताया कि कुछ लोग उनके घर के बाहर पटाखे फोड़ने लगे और जातिगत टिप्पणी भी करने लगे. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों का कहना था कि टीम में कई सारे दलित खिलाड़ियों की वजह से टीम को हार मिली है.
वंदना (Vandana Kataria) के भाई शेखर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘टीम की हार से सब दुखी थे. लेकिन मैच के थोड़े ही देर के बाद घर के बाहर पटाखों की आवाज आने लगी. बाहर निकलकर हमने देखा तो गांव के कुछ उच्च जाति के लोग नाच रहे थे.’
शेखर ने पुलिस को शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि डांस कर रहे युवकों ने जातिगत टिप्पणी भी शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि टीम में कई दलित खिलाड़ियों की वजह से ही हार मिली है.आरोपियों ने कहा कि हॉकी ही नहीं, बल्कि सभी टीमों से दलित खिलाड़ियों को हटा देना चाहिए. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है और शिकायत के अनुसार जांच भी की जा रही है.
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