उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

चिंतामण पर कब शुरू होगी महाकाल की लड्डू प्रसादी बिकना शुरू

  • चांदी के सिक्के का काउंटर लगाने की योजना भी तीन वर्षों से अधर में लटकी हुई है-बुधवार को आते हैं बाहर से सैकड़ों दर्शनार्थी-अधिकारियों का ध्यान नहीं

उज्जैन। महाकाल का शुद्ध लड्डू प्रसाद चिंतामण गणेश मंदिर पर भी उपलब्ध हो सके, इस हेतु करीब तीन वर्ष पहले निर्णय हुआ था लेकिन मंदिर चूंकी सरकारी है और निर्णय अधिकारियों को करना है। इसलिए चींटी की चाल से काम होते हैं। यही हाल चांदी के सिक्कों का है जो महाकाल में मिलते हैं उन्हें चिंतामण गणेश मंदिर पर भी उपलब्ध कराने की बात हुई थी लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। यदि चिंतामण गणेश मंदिर पर हर बुधवार को और विवाह लग्न में भारी भीड़ होती है। चिंतामण गणेश मंदिर में प्रबंध समिति की ओर से चांदी के सिक्के और लड्डू प्रसादी बेचने की योजना तीन वर्षों से अधिक समय से अधर में लटकी हुई है। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए मंदिर प्रबंधक की ओर कई बार संबंधित एसडीएम से निवेदन किया चुका है।


यदि प्रसादी के साथ ही चांदी के सिक्के भी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को समिति की तरफ से बेचे जाते हैं निश्चित ही मंदिर के खजाने में आय की बढ़ोत्तरी होगी वहीं लड्डू की शुद्धता पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा नहीं हो सकेगा। जबकि अभी मंदिर के बाहर दुकानों से जो लड्डू बेचे जाते हैं, उनमें यह शिकायत मिलती रही है कि ये न केवल बासी होते हंै वहीं महंगे भी ज्यादा रहते हैं। चिंतामण गणेश मंदिर में प्रबंध समिति की तरफ से काउंटर लगाकर लड्डू प्रसादी बेचने के साथ ही चांदी के सिक्के भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेचने की योजना लंबे समय से थी लेकिन इस योजना को अमली जामा अभी तक नहीं पहनाया जा सका है। इस दोनों योजनाओं को शुरू करने के लिए प्रबंधक द्वारा एक बार फिर बीते कुछ दिनों पहले भी प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष निवेदन किया है, हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि नये वर्ष 2022 के पहले माह जनवरी से कम से कम लड्डू प्रसादी बेचने की शुरूआत हो जाए।

महाकाल मंदिर यूनिट से बनकर आएंगे लड्डू..रहेगी विशेष माँग
प्राप्त जानकारी के अनुसार चिंतामण मंदिर में यदि प्रबंध समिति काउंटर लगाती है तो यहां महाकाल मंदिर की लड्डू प्रसादी यूनिट से ही लड्डू बनकर आएंगे। इसका अर्थ यही है कि चिंतामण गणेश मंदिर प्रबंध समिति अलग से लड्डू बनाने के लिए खर्चा नहीं करने वाली है। वैसे चांदी के सिक्कों का निर्माण प्रबंध समिति की तरफ से ही कराए जाने की योजना है। मंदिर प्रबंध समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार महाकाल मंदिर की लड्डूप्रसादी यूनिट को पैकेट्स बनाकर दे दिए जाएंगे और इन्हीं पैकेटों में लड्डू रखकर तैयार पैकेट्स मंदिर के काउंटर से बेचे जाएंगे। बताया गया है कि चिंतामण गणेश मंदिर प्रबंध समिति का महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के साथ लड्डू प्रसादी के मामले में समन्वय नहीं हो रहा है और यही कारण है कि चिंतामण में प्रसादी बेचने की योजना को अमल में अभी तक नहीं लाया जा सका है। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर की तरह ही शुद्ध घी व मेवे से बना प्रसाद वाजिब दाम पर उपलब्ध होना चाहिए। महाकाल मंदिर समिति की लड्डू निर्माण शाखा चिंतामन में ही है। इसी से लड्डू लेकर महाकाल मंदिर समिति द्वारा तय कीमत पर चिंतामन में भी श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद उपलब्ध कराया जाना है।

इनका कहना है
लगभग तीन वर्ष हो गए है प्रस्ताव को। उम्मीद है कि नये वर्ष में लड्डू और चांदी के सिक्के मंदिर में ही समिति के काउंटर से उपलब्ध होने लगे। महाकाल मंदिर प्रशासक के साथ कलेक्टर से भी इस मामले में निवेदन किया गया है।
अभिषेक शर्मा, प्रबंधक चिंतामण गणेश

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