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वैज्ञानिक आखिर क्यों जोड़ना चाहते है Sputnik और Oxford Vaccine को जानिए कारण ?

कोरोना वायरस महामारी ने शुरुवात से ही पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है परन्तु अब इसकी वैक्सीन आ जाने से पुरे विश्व में कई देश अपने-अपने स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर चुके है । भारत, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन आदि देशों में कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है, ताकि लोगों को इस संक्रमण से बचाया जा सके। कोविड को लेकर बहुत तरीके की रिसर्च की गयी और उसको लेकर कई नज़रिये सामने भी आये है अब इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन और रूस द्वारा निर्मित स्पुतनिक वैक्सीन को लेकर एक बड़ा सुझाव दिया है, जो फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्या है मामला ?
दरअसल, वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि मिक्सिंग कोविड-19 वैक्सीन (Covid -19 Vaccine ) कोरोना के म्यूटेशन को हरा सकती हैं। दिए गए सुझाव में आगे उन्होंने कहा कि, ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को स्पुतनिक शॉट के साथ जोड़ा जा सकता है ताकि लोगों को कोरोनो वायरस से ज्यादा सुरक्षा प्रदान की जा सके। वैज्ञानिकों ने ये भी सुझाव दिया कि स्पुतनिक और ऑक्सफोर्ड के टीके कोविड-19 उत्परिवर्तन के खिलाफ सबसे अच्छा संरक्षण दे सकते हैं।



रूस के Sputnik V Vaccine को तीसरे फेज के टेस्ट में सफलता मिल चुकी है। जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित तीसरे फेज के रिजल्ट के अंतरिम परिणामों के अनुसार, कोविड-19 पर वैक्सीन ने 91.6 फीसदी असर दिखाया। 19,866 वॉलेंटियर के डेटा को प्रभावकारिता विश्लेषण में शामिल किया गया था, जिनमें से 14,964 लोगों को वैक्सीन और 4,902 को प्लेसबो दिया गया था। इसके नतीजों से पता चलता है कि स्पुतनिक कोविड-19 को मात देने में 92 प्रतिशत तक प्रभावी है।

रूस से किरील दिमित्रिक ने कहा कि इसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका जैब के साथ जोड़कर मदद मिल सकती है। उन्होंने बीबीसी रेडियो 4 के वर्ल्ड एट वन को बताया कि, ‘हम आमतौर पर मानते हैं कि विभिन्न टीकों के दो शॉट एस्ट्राजेनेका और स्पुतनिक वास्तव में बेहतर काम कर सकते हैं क्योंकि इनसे प्रतिरक्षा मजबूत हो जाती है।’ उन्होंने आगे बताया कि, ‘ये वो विचार है जिसे विषम वृद्धि कहा जाता है। स्पुतनिक वैक्सीन के मूल में है क्योंकि हम दो अलग-अलग शॉट्स का उपयोग करते हैं और मानते हैं कि ये म्यूटेशन से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है, और ये विभिन्न वैक्सीन निर्माताओं के बीच साझेदारी को बढ़ावा देता है।’

जब उनसे पूछा गया की क्या UK ने आरडीआईएफ से वैक्सीन में से कुछ को प्राप्त करने के बारे में संपर्क किया है? इस पर श्री दिमित्रिक ने कहा कि, ‘अभी तक नहीं, लेकिन मुझे लगता है कि एक बार जब हमने एस्ट्राजेनेका-स्पुतनिक संयोजन की प्रभावकारिता साबित कर दी है, तो मुझे लगता है कि यूके के साथ ये चर्चा संभव है।’



वैज्ञानिकों का कहना है कि द लैंसेट में प्रकाशित निष्कर्ष दिखाते हैं कि ये एक प्रभावी वैक्सीन के रूसी वैक्सीन जो ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के समान काम करती है, उसे कोविड को केवल एक खुराक के बाद अवरुद्ध करने में 74 प्रतिशत प्रभावी पाया गया और इसने सभी उम्र के लोगों पर काम किया। पेपर के साथ प्रकाशित एक टिप्पणी में, विश्वविद्यालय के रीडिंग के प्रोफेसर इयान जोन्स ने कहा कि, स्पुतनिक वी टीका की अनजाने में जल्दबाजी और पारदर्शिता की अनुपस्थिति के लिए आलोचना की गई है।

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