विदेश

चीन से तनातनी के बीच Hsinchu Airbase ताइवान के लिए क्यों है अहम, देखें ग्राउंड रिपोर्ट


नई दिल्ली: चीन और ताइवान के रिश्ते तल्ख होते जा हैं. चीन लगातार ताइवान की घेराबंदी कर रहा है. साउथ और नॉर्थ चाइना सी में वह सैन्य अभ्यास भी कर रहा है. चीन अपने फाइटर जेट ताइवान की सीमा में भेजकर उसे डरा भी रहा है. हालांकि ताइवान सरकार अलर्ट पर है. उसने भी हमले जैसी स्थितियों का सामने करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे हालात के बीच ताइवान के Hsinchu air base की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है.

ताइवान पहुंचीं आजतक की रिपोर्टर ने बताया कि ताइवान की एयरपोर्स के पास मौजूदा समय में सात टैक्टिकल्स फाइटर विंग्स हैं, जिनमें से लड़ाकू विमान F16, FCK1, F5E, मिराज 2000 शामिल हैं. ये विमान Hsinchu air base से ऑपरेट होते हैं. यह एयरबेस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में ताइवान के लिए Hsinchu air base पर बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है.

चीन के तेवर को देखते हुए 2020 में ताइवान की सरकार ने इस एयरबेस को रिपेयर कर लिया था. ताइवान के एयर सिक्योरिटी सिस्टम पर नजर रखने के लिए इसी एयरबेस से फिराज 2000 उड़ाने भरते हैं. यह एयरबेस चीन में सिर्फ 9 किमी. दूर है. ऐसे में अगर चीन मात्सु द्वीप पर कब्जा करने की कोशिश करता या किनमेन मात्सु द्वीप को ब्लॉक करने की कोशिश करता है तो Hsinchu air base क्रिटिकल हो जाएगा क्योंकि मात्सु द्वीप को बचाने के लिए इसी एयरबेस से लड़ाकू विमान उड़ान भरेंगे.

ताइवान ने बढ़ाया अपना रक्षा बजट
चीन के साथ तनाव के बीच ही ताइवान ने अपना रक्षा बजट बढ़ा दिया है. ताइवान ने साल 2023 के लिए रक्षा बजट में 13.9 फीसदी का इजाफा किया है. यह अब 17.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. निक्‍केई एशिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्‍तावित बजट में 108.3 न्‍यू ताइवान डॉलर नए एडवांस्‍ड जेट, समुद्री सुरक्षा और हवाई युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए रखे गए हैं. कुल रक्षा बजट 586.3 न्‍यू ताइवान डॉलर (NTD) तक पहुंच गया है. इस बजट को पास होने के लिए संसद में भेजा जाएगा जिसका सत्र अगले महीने से शुरू हो रहा है.


चीन से बस दो किमी दूर है किनमेन द्वीप
ताइवान का किनमेन द्वीप पर चीन ने तीन बार कब्जा करने कोशिश की लेकिन हर बार उसे असफलता मिली. चीन के सबसे बड़े नेता माओ ने इस द्वीप को लेकर कहा था कि इसने उनकी सेना को सबसे बड़ा आघात दिया. किनमेन द्वीप की वजह से ही चीन ताइवान पर कब्जा नहीं कर पा रहा है. किनमेन द्वीप ताइवान से दूर और चीन की सीमा से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. किनमेन आइलैंड चीन के फूजियन राज्य से करीब-करीब सटा हुआ है. जानकारों को लगता है कि ताइवान पर चीन की तरफ से पहला वार इस छोटे से द्वीप पर ही होगा.

चीन ने समंदर में उतारा एयरक्राफ्ट करियर
चीन (China) लगातार ताइवान (Taiwan) के आसपास मिलिट्री ड्रिल कर रहा है. अपने फाइटर जेट्स और युद्धपोतों से फायरिंग कर रहा है. अब उसने साउथ चाइना सी (South China Sea) में अपना दूसरा सबसे बड़ा और स्वदेशी विमानवाहक पोत शैनडोंग (Shandong Aircraft Carrier) उतार दिया है. पोत के साथ उसका बैटल ग्रुप भी है. यानी वो फ्रिगेट्स, कॉर्वेट्स और डेस्ट्रॉयर्स पोतों का समूह भी.

शैनडोंग और उसका बैटल ग्रुप इस समय साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास कर रहा है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साउथ सी फ्लीट ने वीचैट पर पोस्ट करके बताया कि वो शैनडोंग का मिलिट्री ड्रिल कर रहे हैं. ताकि युद्ध की स्थिति में अपनी तैयारियों का जायजा ले सकें. यह ड्रिल पूरी तरह से एक युद्ध के लिए की जा रही तैयारी जैसा दिखता है. शैनडोंग को पूरी तरह से चीन में ही बनाया गया है. हालांकि इसका डिजाइन सोवियत काल के लियाओनिंग एयरक्राफ्ट करियर जैसा ही है.

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