नई दिल्ली। बॉलीवुड (Bollywood) में शॉटगन के नाम से प्रसिद्ध शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) के स्वर्गीय कलाकार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) के साथ संबंध अच्छे नहीं रहे, हांलाकि बॉलीवुड में शत्रुघ्न सिन्हा और राजेश खन्ना काफी अच्छे दोस्त माने जाते थे लेकिन 1992 में उन दोनों के रिश्तों में खटास आ गई। 1992 में नई दिल्ली सीट के लिए हुए उपचुनाव में राजेश खन्ना ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा जबकि शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी के सदस्य थे। इसलिए राजेश खन्ना के खिलाफ उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया। राजेश खन्ना ने करीब 28 हजार मतों से शत्रुघ्न सिन्हा को हरा दिया था!
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि नई दिल्ली सीट से उपचुनाव में जब मैं राजेश के खिलाफ खड़ा हुआ तो वह बेहद नाराज थे. मैं ईमानदारी से बताऊं तो मैं ऐसा नहीं करना चाहता था, लेकिन लाल कृष्ण आडवाणी जी के आग्रह को मैं टाल नहीं पाया. हांलाकि बाद में मैंने इन बातों को राजेश के साथ स्पष्ट करने की काफी कोशिश की लेकिन उनकी नाराजगी जारी रही. लंबे समय तक हमारे बीच बातचीत बंद रही। काफी समय बाद हमारी बातचीत शुरू हुई।
उन्होंने बताया कि ‘राजेश खन्ना जब अस्पताल में भर्ती थे तो मैं उनसे माफी मांग कर उन्हें गले लगाना चाहता था, लेकिन बड़ा ही अफसोस है कि मेरे ऐसा करने से पहले ही वह इस दुनिया से विदा हो गए’। राजेश खन्ना का निधन 2012 में हुआ। वह लीवर संबंधित बीमारी से पीड़ित थे. उनके परिवार में बॉलीवुड एक्ट्रेस और पत्नी डिंपल कपाड़िया और बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना हैं।
अलग-अलग राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ना ही इन दो दिग्गज कलाकारों के बीच आपसी दुश्मनी शुरु होने की वजह बनी. हालांकि उसी राजनीतिक दल से 2019 में शत्रुघ्न सिन्हा अलग हो गए। करीब दो दशक तक भारतीय जनता पार्टी के साथ रहने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में शामिल हो गए। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ‘ मैंने बीजेपी में लोकतंत्र को तानाशाही में बदलते देखा। ये पार्टी वन मैन शो और टू मैन आर्मी बन गई है।
विदित हो कि अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। बिहार के पटना साहिब क्षेत्र से जीत हासिल की थी. यूनियन शिपिंग और स्वास्थ्य मंत्रालय इनके जिम्मे रहा है। पिछले साल शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा ने बिहार विधानसभा चुनाव में बांकीपुर सीट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन जीत नहीं पाए। लव बीजेपी के प्रत्याशी नवीन से हार गए। Share: