नई दिल्ली (New Delhi) । पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त गंभीर आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से जूझ रहा है. हर रोज हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. महंगाई (inflation) तमाम रिकॉर्ड तोड़कर 48 साल के सबसे हाई लेवल पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से जनता का जीना मुहाल हो रहा है. कम हो रहे विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) के चलते पाकिस्तान जरूरत की तमाम चीजें आयात करने में सक्षम नहीं है. इस वजह से लोगों को आटा-चावल जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं नहीं मिल पा रही हैं. अगर मिल भी रही हैं, तो उन्हें सामान्य से कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है. इस बीच वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को झटका दिया है.
वर्ल्ड बैंक ने दिया झटका
वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान की ग्रोथ रेट में कटौती की है. विश्व बैंक ने पाकिस्तान की ग्रोथ रेट को 2 फीसदी से घटाकर 0.4 फीसदी कर दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक ने कहा है कि विभिन्न आर्थिक झटकों के कारण इस वित्त वर्ष में करीब 40 लाख पाकिस्तानी गरीबी की चपेट में आ गए हैं.
विश्व बैंक ने पाकिस्तान से ‘पब्लिक कर्ज संकट’ से बचने के लिए तुरंत नए विदेशी कर्ज की व्यवस्था करने की सलाह दी है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक की बैठक में हिस्सा लेने वॉशिंगटन जाने वाले थे. लेकिन वो अपनी यात्रा रद्द कर चुके हैं.
नहीं मिल पा रहा बेलआउट पैकेज
इस आर्थिक संकट से निकलने के लिए पाकिस्तान को IMF के बेलआउट पैकेज की सख्त जरूरत है, लेकिन पाकिस्तान को ये पैकेज अभी तक नहीं मिल पाया है. पाकिस्तान की सरकार लगातार 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को पाने की कोशिश में जुटी है. इसके लिए उसने IMF की तमाम शर्तें भी मांगी है. लेकिन उसे अभी तक फंड नहीं मिल सका है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार को 10 अप्रैल को होने वाली IMF की बैठक में भाग लेना था.
रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से उन्होंने वॉशिंगटन की अपनी यात्रा कैंसिल की है. 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए ये बैठक जरूरी थी. बता दें कि पाकिस्तान साल 2019 में मंजूर हुई 6.6 अरब डॉलर की रकम में से 1.1 अरब डॉलर का फंड हासिल करने की कोशिश में जुटा है.
कंपनियां समेट रही हैं कारोबार
आईएमएफ (IMF) से मिलने वाले बेलआउट पैकेज में हो रही देरी के कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत 284 पर पहुंच चुकी है. पाकिस्तान में गहराते आर्थिक संकट के बीच महंगाई ने भी अपना पांच दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल दर साल के आधार पर मार्च में महंगाई दर 35.37 फीसदी पर पहुंच गई है. संकट के बीच पाकिस्तान से बड़ी-बड़ी कंपनियां अपना कारोबार समेटती जा रही है. बीते दिनों होंडा समेत कई प्लांटों पर ताला लग गया था.
कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान
पाकिस्तान के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी (Pakistan Debt) 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक की है. यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है. वहीं इस कर्ज में करीब 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है, इसमें चीन के सरकारी वाणिज्यिक बैंकों का कर्ज भी शामिल है. पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है, जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था.
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