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महाशिवरात्रि के दिन शिव योग में पूजा करने से दोषो से मिलेगी मुक्ति, जानें मुहूर्त

फाल्‍गुन माह (Phalgun month) में 11 मार्च को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का पावन त्‍यौहार ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर निशीथ काल में यानी फाल्गुन माह (Phalgun month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आधी रात को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आज के दिन जो भी भगवान शिव और माता पार्वती की संपूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना करता है भगवान शिव और माता पार्वती कृपा दृष्टि बनी रहती है, उसके जीवन सुख की प्राप्ति होती है । इस बार 11 मार्च की आधी रात को निशीथ काल में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर्व पर विशेष पूजा, अनुष्ठान किया जाएगा। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर शिव योग का संयोग बन रहा है, साथ ही धनिष्ठा नक्षत्र और मकर राशि में चंद्रमा है। इस योग में पूजा करने से भगवान शिव (Lord Shiva) की कृपा होगी और दोषों से मुक्ति मिलेगी।


ज्योतिषाचार्य के अनुसार 11 मार्च को सुबह 9.20 बजे तक शिव योग है और इसके बाद सिद्ध योग का संयोग है। दोनों ही योग कल्याणकारी हैं। चतुर्दशी तिथि दोपहर 2.39 बजे से शुरू होकर 12 मार्च को दोपहर 3.02 बजे तक रहेगी। शिव पूजा के लिए त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी को श्रेष्ठ माना जाता है। 11 मार्च को दोनों ही तिथि में पूजा करना लाभदायी होगा। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का निशीथ काल रात्रि 12.06 से 12.55 बजे तक रहेगा।

मुहूर्त
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर आधी रात को निशीथ काल में पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस बार आधी रात को मात्र 50 मिनट तक ही निशीथ काल का श्रेष्ठ मुहूर्त है।

– रात्रि 12.06 से 12.55 बजे तक

– व्रत पारणा मुहूर्त 12 मार्च – सुबह 7.15 से दोपहर 3.30 तक

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन जरूर करें ये उपाय
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन शिव जी (Shiva) का अभिषेक दही से करें। अगर आप काफी समय से वाहन खरीदने का प्रयास कर रहे हैं और आपको कामयाबी नहीं मिल रही है तो ऐसा करने से मिल जाएगी।

ॐ पार्वतीपतये नमः मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को भगवान भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का आर्शिवाद भी प्राप्त होता है। इससे विवाह में हो रही समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।

6. संतान प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिव और माता पार्वती के गणेश एवं कार्तिक की पूजा भी करें। इससे संतान सुख के योग मजबूत बनाते हैं।

नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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