घर ऊंचा कर लो शर्माजी, पानी नहीं भरेगा
कल शहर में हुई बेमौसम बारिश ने जहां आम लोगों की तकलीफें बढ़ाई, वहीं खास लोग भी इससे अछूते नहीं रहे। लोधीपुरा में भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष कैलाश शर्मा का अपने घर से पानी निकालते हुए वीडियो खूब वायरल हुआ। हर किसी ने कमेंट किया कि जब शर्माजी के ये हाल है तो आम आदमी का क्या हो रहा होगा? किसी ने लिखा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के पदाधिकारी ही समस्या झेल रहे हैं। शर्मा के परिजनों ने जब क्षेत्र के पार्षद से बात की तो उन्होंने कहा कि सबकुछ सही है, लेकिन आप अपना घर ऊंचा करवा लो शर्माजी। इसके बाद अब शायद शर्माजी घर ऊंचा करवाए, लेकिन शहर के विकास कार्यों की पोल तो पानी खोलकर चला गया।
आखिर क्या दिखा रहे थे सीएम को मोबाइल में
इंदौर आए सीएम मोहन यादव के साथ नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा की केमेस्ट्री जोर पकड़ रही है। सुमित के पास पहले ही शहर के सभी विधायकों की ताकत हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ध्यान दे रहे हैं, यानि सुमित यहां भी झंडा गाड़ चुके हैं। उसकी पुष्टि उस समय हुई, जब रवींद्र नाट्य गृह में सुमित सीएम की बराबरी में बैठे थे और सुमित अपने मोबाइल में उन्हें कुछ दिखा रहे थे। सीएम हंसते हुए सब देख रहे हैं। मोबाइल में क्या था, इसको लेकर ही मंच पर बैठे नेताओं और सामने बैठे कार्यकर्ताओं का ध्यान गया। वैसे इन दिनों शहर की कुछ घटनाएं चर्चित रही थी। अब वे घटनाएं बता रहे थे या कुछ और…
जन्मदिन पर विजयवर्गीय का फिटनेस मंत्र
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जन्मदिन मनाया और पहले ही अपने समर्थकों से कह दिया था कि वे जन्मदिन पर होर्डिंग-पोस्टर में धन बर्बाद करने की बजाय गौशाला में दान दें। कैलाशजी की अपील का असर ऐसा हुआ कि गौमाताओं के लंबे समय तक चारा-पानी की व्यवस्था हो गई। जन्मदिन की सुबह उन्होंने जिम से ही फिटनेस को लेकर मंत्र भी दे मारा। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर अलर्ट रहें और ध्यान दें, ताकि एक स्वस्थ युवा के साथ-साथ स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
मालवा उत्सव का आंधी-तूफान से नाता
सांसद शंकर लालवानी के सालाना जलसे हैं, उनमें से एक मालवा उत्सव भी है, लेकिन मई की कड़ी धूप में मनाए जाने वाले इस उत्सव में एक बार बारिश और हवा जरूर चलती है। ऐसा कई बार हुआ है, लेकिन टीम लालवानी इन्हीं दिनों को मेले के रूप में चुनती है। अब फिर मौसम बनने लगा है और भरोसा नहीं है कि कब तेज हवा चल जाए और आसमान से बूंदे टपकने लग जाए? आयोजकों को तो चिंता नहीं रहती है, क्योंकि वो पहले ही वहां दुकान लगाने वालों से एडवांस ले लेते हैं, चाहे उनका धंधा चले या नहीं चले। खैर उत्सव की पहली शाम 6 मई को सजने वाली थी, लेकिन मौसम ठीक हो जाने के बाद अब 8 मई से सजेगी और आयोजक दुआ कर रहे हैं कि इस बार बिना बारिश के आयोजन निपट जाए।
अब जाकर दलबदलुओं की लॉटरी निकली
भले ही कांग्रेस छोडक़र बड़े नेताओं को अभी तक भाजपा में कोई मुकाम नहीं मिला हो, लेकिन अब उनमें आस जगने लगी है। ये आस इसलिए जगी, क्योंकि मंडलों की जो कार्यकारिणी घोषित की गई है, उसमें दल बदलने वालों को बराबर स्थान मिला है और उन्हें कहीं उपाध्यक्ष तो कहीं मंत्री बनाया गया है। अब वे सीना तानकर घूम रहे हैं कि उन्हें भी भाजपा में पद मिल गया है। अब कुछ ऐसे बड़े नामी चेहरे हैं, जो भाजपा में अपनी जगह तलाश रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि सुमित उन्हें अपने दरबार में जगह देते हैं या फिर उन्हें कोई छोटा मोटा पद देकर संतुष्ट किया जाता है।
क्या भाजपा के नेता दोषी नहीं?
कादरी का दोष इतना था कि उनकी मौजूदगी में पुतला जला और पाकिस्तान मुर्दाबाद करने की बजाय पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लग गए। आयोजन बड़वाली चौकी के व्यापारियों का था, उसकी सजा एसोसिएशन के राजिक बाबा को भी मिली। खैर राजनीति हावी है। कांग्रेसी जेल पहुंच गए। देखने वालों ने देखा कि भाजपा अल्पसंख्यक वर्ग के मुस्लिम नेता भी वहां थे, किसी ने वीडियो भी बना लिया, लेकिन वायरल करने की हिम्मत नहीं हुई। भाजपा नेता भी चुप हैं और अपने बहाने बनाते फिर रहे हैं। बात भी ठीक है, समरथ को नहीं दोष गुंसाई।
केवल यादव को ही दिखी पानी की समस्या
पूरे शहर में जलसंकट है और बोरिंग भी बंद होने लगे हैं। कारण जलस्तर नीचे जा रहा है। शहर के अधिकांश क्षेत्र बोरिंग पर ही निर्भर हैं, क्योंकि वहां नर्मदा का सप्लाय नहीं होता। कहीं होता भी है तो थोड़े समय के लिए और वो पर्याप्त नहीं। केवल नगर निगम में विपक्ष में बैठी कांग्रेस को यह नजर नहीं आता। भला हो देवेंद्र सिंह यादव का जो वे जलसंकट को लेकर मटके फोडऩे पहुंच गए। भले ही उनके साथ 20 लोग नहीं थे, लेकिन आवाज तो उठाई। वरना तो कांग्रेस के जिम्मेदार घरों में बैठे हैं। जब पार्टी का कोई फरमान आता है तो नजर आते हैं और बाकी समय नदारद। गाहे–बगाहे अपने नाम को चमकाने वाले यादव महीने में ऐसे 5-7 आयोजन कर ही मारते हैं, भले उन्हें दूसरे कांग्रेसियों का साथ मिले न मिले, लेकिन उनकी अपनी फौज तैयार रहती है।
पार्षद पति बोले- नहीं भेजना पानी
पानी को लेकर पार्षदों और लोगों की रोज तकरार होती रहती है। ऐसी ही एक तकरार का फोन आम आदमी ने रिकॉर्ड कर लिया और उसे वायरल कर दिया, जिसमें पार्षद पति कहते सुने जा रहे हैं कि पानी नहीं भेजना। पहले पानी मांगने वाला मिन्नतें करता है तो उसे कम टैंकर का बहाना बनाकर टालने की कोशिश की जाती है, लेकिन जब वह उग्र हो जाता है तो पार्षद पति अपनी स्टाइल में आ जाते हैं। बताया जाता है कि पार्षद तो घर के काम में उलझी रहती है और पति ही सर्वेसर्वा हैं। मामला 5 नंबर विधानसभा की पॉश कालोनी का है। वैसे निगम दावा कर रहा है कि 500 टैंकरों से पानी की आपूर्ति हो रही है, लेकिन ये पानी कहां जा रहा है, इस पर सवालिया निशान लगा हुआ है।
कल पूरा शहर परेशान था और शहर के जवाबदार ग्वालियर में लोकसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे की शादी में दावत उड़ा रहे थे। लोगों के फोन भी गए कि घर में पानी भर गया है, बिजली नहीं है। कुछ ने तो आश्वासन दिया और कुछ ने टका सा जवाब दे दिया कि ग्वालियर में हूं, कुछ करता हूं।
-संजीव मालवीय
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