नई दिल्ली। सरकार ने संकेत दिया कि कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने वाले व्यक्ति के पास भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए हाल ही में मंजूर की गई दो वैक्सीन में से चुनने का विकल्प नहीं होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि दुनिया में बहुत सी जगहों पर एक से ज्यादा वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन वर्तमान में किसी भी देश में वैक्सीन प्राप्त करने वाले व्यक्ति के पास शॉट को चुनने का विकल्प नहीं है।
भारत ने हाल ही में, इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए दो वैक्सीन को मंजूरी दी है- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। भूषण ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की दो डोज के बीच 28 दिन का अंतर होगा और उसका असर केवल 14 दिन के बाद ही दिख सकेगा। उन्होंने कहा कि इसलिए वे लोगों से कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए अपील की है।
भारत 16 जनवरी से अपने कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेगा। इसमें करीब तीन करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। भूषण ने कहा कि अब तक ऑर्डर की गई कोविड-19 वैक्सीन डोज के पूरे स्टॉक में से 54.72 लाख तय किए गए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के वैक्सीन स्टोर्स पर मंगलवार दोपहर तक पहुंच गई हैं। कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान शनिवार से शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी ऑर्डर- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोविशील्ड की 1.1 करोड़ डोज और भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 55 लाख डोज 14 जनवरी तक पहुंच जाएंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह भी कहा कि चार और कोविड-19 वैक्सीन पर नजर है और निर्माता इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए ड्रग कंट्रोलर से संपर्क कर सकते हैं। राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि Zydus Cadila, Sputnik V, Biological E और Gennova अन्य वैक्सीन हैं, जो पाइपलाइन में हैं। ये भारत में एडवांस्ड क्लीनिकल ट्रायल में हैं।
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