भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

हर सीट पर खर्च होंगे 1 करोड़ रुपए

  • सरकार की जेब पर भारी पड़ेगा कोरोना काल में उपचुनाव

भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। कोरोना संकट काल के बीच पहला चुनाव है। संक्रमण काल के दौरान चुनाव कराने को लेकर तैयारियां हो रही हैं तो वहीं कोरोना ने चुनावी खर्च भी दोगुना कर दिया है। मप्र में एक विधानसभा सीट पर चुनाव का खर्चा एक करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। अब तक एक सीट पर चुनाव का खर्चा लगभग 50 लाख रुपये हुआ करता था। कोरोना के कारण चुनावी खर्चा लगभग दोगुना हो गया है। कोरोना संकट से बचने के लिए जरूरी दिशा निर्देशों के पालन में खर्च बढ़ेगा।
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में करीब 62 लाख मतदाता वोट डालने के लिए बूथ पर पहुंचेंगे। इसके लिए 9361 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इन मतदान केंद्रों में 58 हजार मतदान कर्मी नियुक्त किए जाएंगे तो वही 24003 बैलेट यूनिट, 23558 कंट्रोल यूनिट, 23053 वीवीपैट मशीन जिलों में उपलब्ध कराई जाएंगी। कोरोना संक्रमण काल के चलते उपचुनाव में सामान्य चुनाव से दोगुना कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। 50 फीसदी कर्मचारी रिजर्व रखे जाएंगे। प्रत्येक मतदान केंद्र में दो अतिरिक्त कर्मचारियों की ड्यूटी लगेगी।

मास्क, ग्लब्स और सेनेटाइजर पर खर्च
कोरोना संकट काल के चलते इस बार मतदान केंद्रों के साथ मतदानकर्मियों के लिए चुनाव आयोग मास्क, हैंड ग्लव्स, सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। हर पोलिंग बूथ पर सैनिटाइजर और हाथ धोने की इंतजाम रहेंगे। इन सबके लिए चुनाव आयोग ने अतिरिक्त बजट रखा है। मास्क, ग्लब्स, सेनेटाइजर और हाथ धोने की व्यवस्था के लिए करीब 50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

मतदाताओं की होगी थर्मल स्क्रीनिंग
कोरोना संकट काल के चलते वोटर्स की थर्मल स्क्रीन की जाएगी। पहली बार में वोटर का टेंपरेचर मानक से ज्यादा होने पर दूसरी बार जांच की जाएगी, अगर तापमान फिर भी ज्यादा रहा तो ऐसे मतदाताओं को टोकन दिया जाएगा। मतदान के आखिरी घंटों में ऐसे वोटर्स से मतदान करवाया जाएगा। कोविड-19 के प्रतिरोधक का पालन करते हुए वोट करवाया जाएगा। मतदान केंद्र पर संक्रमण न फैले इसके लिए मेडिकल वेस्ट मटेरियल को इक_ा कर उसको डिस्पोजल करने का इंतजाम भी किया जाएगा। मतदान से एक दिन पहले मतदान केंद्र को सैनिटाइज किया जाएगा। स्याही लगाते समय वोटर को मास्क उतारना होगा। 80 साल से ज्यादा उम्र के वोटर, कोरोना मरीज एवं संदिग्ध मरीज और दिव्यांग को वोट देने के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा दी जाएगी। पोलिंग ऑफिसर की टीम मतपत्र लेकर घर जाएगी। वोट लिफाफे में बंद कर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को दिया जाएगा।

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