- एमजीएम कॉलेज का 2 दिवसीय प्लेटिनियम जुबली समारोह आज से शुरू
- एमजीएम के पूर्व छात्र, डॉक्टर्स , वैज्ञानिक, सैन्य अधिकारी अपने मातृ संस्थान पहुंचे
इन्दौर। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के 75 वर्ष पूरे होने पर दो दिवसीय प्लेटिनियम जुबली समारोह की शुरुआत आज से हो गई है। इंदौर मेडिकल कॉलेज में पढ़ कर इंडियन आर्मी से लेकर भारतीय वैज्ञानिकों की टीम सहित देश-विदेश में अपने कॉलेज का नाम रोशन करने वाले लगभग 1 हजार मेडिकल स्टूडेंट्स एमजीएम कॉलेज के अमृत महोत्सव में शामिल हो रहे हैं, जो आज और कल यानि इन दो दिनों में प्लेटिनियम जुबली समारोह में मेडिकल कॉलेज के 75 सलाना सुनहरे और स्वर्णिम इतिहास के सफर के साक्षी बनेंगे ।
आज से शुरू हुए प्लेटिनियम जुबली समारोह में पिछले 75 सालों मेंं यहां पढ़ाई करने वाले मेडिकल के पूर्व छात्र-छात्राएं इस कॉलेज के डीन रह चुके वरिष्ठ डॉक्टर्स, चिकित्सा विज्ञान के वैज्ञानिक, पद्मश्री, पद्म विभूषण से सम्मानित डॉक्टर इंडियन आर्मी के महत्वपूर्ण उच्च पदों पर सैन्य अधिकारी सहित दिल्ली के केंद्रीय और मध्यप्रदेश के 2 मंत्री मौजूद रहेंगे। प्लेटिनियम जुबली समारोह मनाने की तैयारियां मेडिकल कॉलेज ने 1 माह पहले से शुरू कर दी थी। दो दिवसीय समारोह को यादगार बनाने के लिए आयोजन स्थल मेडिकल कॉलेज परिसर से लेकर ऑडिटोरियम को भव्य तरीके से सजाया गया है। हॉल में अंदर चलने वाले समारोह को दिखाने के लिए डिजिटल वॉल और बड़ी -बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं। इसके अलावा इस समारोह मे शामिल होने वालों के लिए इन दो दिनों में गुजरने वाले यादगार लम्हो की यादें ताज़ा रखने के लिए लविंग सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है।
दोपहर 2 बजे से जर्नी ऑफ मेडिकल कॉलेज
डॉक्टर दिलीप आचार्य ने बताया कि दोपहर 2 बजे मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉक्टर सतीश शुक्ला जर्नी ऑफ मेडिकल कॉलेज प्रोग्राम में साल 1948 में मेडिकल स्कूल से लेकर इसके महात्मा मेडिकल कॉलेज बनने तक के सुनहरे 75 साल स्वर्णिम उपलब्धियों का इतिहास बताएंगे और खुद के अनुभव साझा करेंगे। इसके बाद अन्य कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित डॉक्टर नरेश त्रेहान सहित इंदौर मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके डॉक्टर नरेश कुमार परिहार का सम्मान किया जाएगा ।
स्क्रीन पर साल 1971 के युद्ध का स्लाइड शो
इस प्लेटिनियम जुबली समारोह में रिटायर्ड ब्रिगेडियर डॉक्टर के सुरेश मूर्ति भी आए हैं, जो 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए युद्ध के दौरान इंडियन आर्मी में मेडिकल आर्मी ऑफिसर थे। युद्ध के दौरान डॉक्टर्स और मेडिकल टीम की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। घायल सैनिकों के इलाज से लेकर साथियो के साथ दुश्मनों के खिलाफ मोर्चा सम्हालने सम्बन्धित यादगार तस्वीरों का स्लाइड शो दिखाने की व्यवस्था कॉलेज परिसर में लगी स्क्रीन पर की गई है। इसके अलावा शाम से लेकर रात तक फोटो सेशन, गीत-संगीत और डांस के कल्चरल प्रोग्राम भी होंगे।
प्रथम सत्र की शुरुआत
समारोह की शुरुआत आज लगभग 10 बजे से मेडिकल साइंसटिफिक लेक्चर के प्रथम सेशन से हुई। इसमें इंदौर एमजीएम में पढ़ चुके सीनियर डॉक्टर्स ने बदलते समय के साथ बीमारियों की जांच और इलाज से लेकर ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाली हाईटेक मेडिकल टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी दी और अपने अनुभव साझा किए।
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