बड़ी खबर

23 अगस्त की 10 बड़ी खबरें

1. US President जो बाइडन सितंबर में 3 दिवसीय दौरे पर आएंगे भारत, G-20 Summit में होंगे शामिल

भारत (India) इस समय जी 20 देशों की अध्यक्षता (G20 countries chairmanship) कर रहा है। इसी क्रम में भारत की मेजबानी में सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन (G-20 summit) का आयोजन किया जाएगा। इसमें कई देशों के प्रमुख हिस्सा लेगें। इस बीच सामने आया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति बाइडन 7-10 सितंबर तक भारत का दौरा करेंगे। जो बाइडन की भारत यात्रा को लेकर व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने एक बयान भी जारी किया है। बयान में कहा गया है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान वे अन्य नेताओं के साथ यूक्रेन संघर्ष सहित कई वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही बाइडन जी20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना करेंगे।

 

2. ब्रेकिंग: मिजोरम में निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरा, 17 मजदूरों की मौत

मिजोरम (Mizoram) में बुधवार को निर्माणाधीन रेलवे पुल (railway bridge under construction) गिरने से कम से कम 17 श्रमिकों की मौत की खबर है। न्यूज एजेंसी PTI ने आधिकारियों के हवाले से इसकी पुष्टि की है। घटना के दौरान 35 से 40 मजदूर पुल पर काम कर रहे थे। यह पुल बैराबी को सायरंग से जोड़ने वाली कुरूंग नदी पर बन रहा था। प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है।

 

3. Board Exam 2024: अब साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं, विद्यार्थियों को पढ़नी होंगी दो भाषाएं

कक्षा 11-12 (Class 11-12) के विद्यार्थियों (students) के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार (Central government) ने बड़ा फैसला लेते हुए अब साल (Years) में एक बार होने वाली बोर्ड (Board) की परिक्षाओं (Exam) को दो बार (twice) कराने का ऐलान कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) के अनुसार, नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार नए पाठ्यक्रम (new courses) का खाका तैयार, 2024 के शैक्षणिक सत्र (academic session) के लिए पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम के खाके के तहत कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं (two languages) का अध्ययन करना होगा, इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी, छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी। शिक्षा मंत्रालय के नये पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी।शिक्षा मंत्रालय के नये पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षा 11 और 12 में विषयों का चयन ‘स्ट्रीम’ तक सीमित नहीं रहेगा, छात्र-छात्राओं को पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी।

 


 

4. चंद्रयान-3 पर Elon Musk बोले- कम बजट में क्या गजब कर दिया भारत ने, मान गए इंडिया

चंद्रयान की तारीफ (Praise for Chandrayaan) अमेरिका, यूरोप तो क्या पाकिस्तान भी करने को मजबूर हो गया है. अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है और वो है इलोन मस्क (elon musk)का. जी हां, स्पेसएक्स के बॉस (boss of spacex) इनोन मस्क ने एक ट्वीट (Tweet) के जवाब में भारत के 75 मिलियन डॉलर के चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन (India’s $75 million Chandrayaan-3 moon mission) की काफी सराहना की और इस मिशन के बजट (Budget) से शॉक भी हुए. चंद्रयान मिशन की कॉस्ट हॉलीवुड साइंस फिक्शन फिल्म इंटरस्टेलर के 165 मिलियन डॉलर बजट से भी आधी है. इलोन मस्क की खुद की स्पेस कंपनी है और इस प्लेनेट के सबसे अमीर कारोबारी है. मौजूदा समय में वो इकलौते ऐसे कारोबारी हैं, जिनकी नेटवर्थ 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा है. पूर्व पत्रकार सिंडी पोम ने एक्स (पहले ट्विटर) पर शेयर किया कि जब आपको पता चलता है कि भारत के चंद्रयान-3 का बजट (75मिलियन डॉलर) फिल्म इंटरस्टेलर (165 मिलियन डॉलर) से कम है तो आप पागल हो जाएंगे”. इसका जवाब देते हुए इलोन मस्क ने “भारत के लिए अच्छा है!” पोस्ट किया और देश का झंडा दिखाने वाला एक इमोजी भी जोड़ा. इस जवाब को 60,000 से अधिक बार देखा गया, और संख्या तेजी से बढ़ रही है. साथ ही, शेयर पर 1,900 से ज्यादा लाइक्स भी आ चुके हैं.

 

5. तालिबान के कब्जे के बाद से 200 से ज्यादा पूर्व अफगानिस्तान सैन्य अधिकारी मारे गए, UN की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर कब्ज़ा ज़माने के बाद तालिबान (Taliban) ने अफगानी लोगों पर जमकर अत्याचार किया है. अफगानी महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं. तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे को दो साल बीत चुके हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने अपनी एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है. यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान की पूर्व सरकार में काम करने वाले 200 से ज्यादा अधिकारियों की हत्याएं हो चुकी है. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने दो साल पहले तालिबान के अधिग्रहण के बाद अपनी पहली रिपोर्ट में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के 800 मामलों को शामिल किया है, जिसमें मनमाने ढंग से गिरफ्तारी और हिरासत, यातना और जबरन गायब होना शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार, सत्ता पर कब्जे के बाद तालिबान ने पूर्व सैन्य कर्मी, पुलिस कर्मी, ख़ुफ़िया विभाग से जुड़े और न्यायिक अधिकारियों को जमकर निशाना बनाया है. रिपोर्ट में कहा गया मारे गए लोगो को पहले हिरासत में लिया गया. जिसके बाद कुछ को हिरासत केंद्रों में ले जाया गया और हिरासत में ही मार दिया गया. वहीं, दूसरों को अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया और मार डाला गया. इसमें से कुछ मृतकों के शवों को या तो फेंक दिया गया या उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया.

 

6. नेपाल में सड़क पर चलते-चलते अचानक नदी में कूद गई बस, 8 से अधिक यात्रियों की मौत

नेपाल (Nepal) में एक यात्री बस (Tour bus) सड़क पर दौड़ते-दौड़ते अचानक नदी (River) में कूद गई। इससे सभी यात्रियों की जान (lives of passengers) मुश्किल में फंस गई। यात्री बस समेत डूबने लगे। कई यात्री खिड़कियों को तोड़कर बस की छत पर आ गए। इस बीच आसपास के लोगों को बस के नदी में गिरने की जानकारी हुई। बाद में इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को भी दी गई। मगर जब तक राहत और बचाव कार्य में स्थानीय लोग और पुलिस मदद कर पाते, तब तक कम से कम 8 लोगों की मौत (8 people died) हो चुकी थी। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। घटना नेपाल के बागमती प्रांत में बुधवार को हुई, जब एक यात्री बस मुख्य राजमार्ग से फिसलकर नदी में जा गिरी। इसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई तथा 15 अन्य लोग घायल हो गये। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। माईरिपब्लिका डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक यह हादसा उस वक्त हुआ, जब काठमांडू से पोखरा जा रही बस बागमती प्रांत के धाडिंग जिले के चालीसे इलाके में अनियंत्रित होकर त्रिशूल नदी में गिर गई।

 


 

7. BRICS सम्मेलन में पुतिन ने किया युद्ध खत्म करने का ऐलान, मगर पश्चिमी देशों पर लगाया ये बड़ा आरोप

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग (Johannesburg, South Africa) में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (brics summit) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने युक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा ऐलान किया है। पुतिन ने कहा कि रूस “पश्चिम द्वारा फैलाए गए युद्ध” का खात्मा करना चाहता है। पुतिन का संदेश साफ था कि वह युद्ध को खत्म तो करना चाहते हैं, मगर इसे आग पश्चिमी देशों (अमेरिका और यूरोप) ने दी है। ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल समूह के नेताओं से वीडियो लिंक के माध्यम पुतिन जुड़े हुए थे। उन्होंने यूक्रेन और पश्चिम देशों द्वारा साम्राज्यवादी नीयत से भूमि हड़पने के प्रयासों की निंदा की। उन्होंने कहा कि उनका आक्रमण, कीव और वाशिंगटन की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों के लिए रूस द्वारा एक मजबूर प्रतिक्रिया थी। मगर वह युद्ध के खात्मे के लिए बातचीत को तैयार हैं। पुतिन ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से का जिक्र करते हुए कहा, “यूक्रेन में हमारी कार्रवाई केवल एक चीज से तय होती है – डोनबास में रहने वाले लोगों के खिलाफ पश्चिम और उसके सैटेलाइटों द्वारा छेड़े गए युद्ध को खत्म करना। पुतिन ने कहा कि 2014 से यूक्रेनी सेना से लड़ रहे हैं। “मैं यह नोट करना चाहता हूं कि यह कुछ देशों द्वारा दुनिया में अपना आधिपत्य बनाए रखने की इच्छा थी,उन देशों की यही इच्छा यूक्रेन में गंभीर संकट का कारण बनी।”

 

8. ब्रेकिंग: ISRO के चंद्रयान-3 ने रच दिया इतिहास, भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बना

भारत के मिशन मून चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने चांद को चूमकर इतिहास रच दिया है. ISRO का ये मिशन 23 अगस्त (बुधवार) को शाम 6.04 बजे चांद पर उतरा. इसी के साथ चंद्रमा पर उतरने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया. इससे पहले अमेरिका, USSR (पूर्व सोवियत संघ) और चीन ये कारनामा कर चुके हैं. भारत के चंद्रयान-3 की सबसे खास बात ये है कि वह साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र) पर उतरा, जो अब तक कोई भी देश नहीं कर पाया था. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से युक्त लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा ने सॉफ्ट लैंडिंग की. इसरो को चार साल में दूसरी कोशिश में ये सफलता मिली है. चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 के बाद का मिशन है. इसका उद्देश्य चांद पर विचरण करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग करना है. चंद्रयान-3 14 जुलाई को लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए प्रक्षेपण किया गया था. इसकी कुल लागत 600 करोड़ रुपये है. चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की कवायद से पहले इसे 6, 9, 14 और 16 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में नीचे लाने की कवायद की गई, ताकि यह चंद्रमा की सतह के नजदीक आ सके.

 


 

9. चंद्रयान 3 ने तोड़ा NASA का रिकॉर्ड, लाखों लोगों ने देखा लाइव

चंद्रयान 3 (chandrayaan 3) के लाइव लैंडिंग ने इतिहास रच दिया है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) को पीछे छोड़ दिया है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के यूट्यूब चैनल (Youtube channel) पर लाखों लोगों ने चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग को लाइव देखा. दूसरी तरफ, नासा ने 2021 में Perseverance Rover को मंगल ग्रह पर भेजा था. इसके लाइव को 3.81 लाख लोगों ने लाइक किया है. हालांकि, इंडिया के तीसरे मून मिशन (India’s third moon mission) पर लाइक करने वालों की तादाद 20 लाख रही. इसरो के यूट्यूब चैनल पर आज शाम पांच बजे तक 3.5 लाख से ज्यादा लोग लाइव आ चुके थे. हालांकि, इंडियन स्पेस एजेंसी ने 5 बजकर 20 मिनट पर लाइव टेलीकॉस्ट शुरू किया. जैसे-जैसे लाइव का समय नजदीक आता रहा लाइव पर जुड़ने वालों की संख्या बढ़ने लगी. टेलीकॉस्ट लाइव होने के समय चंद्रयान 3 के लाइव पर 80 लाख लोग मौजूद थे. नासा ने 2021 में मंगल ग्रह पर प्रिजर्वेंस रोवर भेजा था. 19 फरवरी 2021 को नासा के प्रिजर्वेंस रोवर रोवर मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी. नासा के यूट्यूब चैनल पर लाइव वीडियो को 16,796,823 लोगों ने देखा. मार्स मिशन पर गए रोवर के लाइव को 3.81 लाख लोगों ने लाइक किया.

 

10. चंद्रयान-3 को तैयार करने में इन वैज्ञानिकों का रहा अहम रोल

2019 में चंद्रयान-2 की चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। इसके बाद से ही चंद्रयान-3 पर काम शुरू (Work on Chandrayaan-3 started) हो गया था। देश जब कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) से जूझ रहा था, उस वक्त भी हमारे वैज्ञानिक इसे बनाने में जुटे थे। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (ISRO Chairman S Somnath) चंद्रयान-3 का बजट बता चुके हैं। यह मिशन 700 करोड़ रुपए में तैयार हुआ है। लगभग एक हजार वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने इस पर काम किया। अगस्त को उनकी मेहनत रंग लाई और भारत चांद पर पहुंच गया। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग (Successful landing on South Pole) की। इसके बाद भारत साउथ पोल पर पहुंचने वाला दुनिया का इकलौता देश बन गया। आइए जानते हैं कि चंद्रयान-3 को तैयार करने में किन-किन वैज्ञानिकों का अहम रोल रहा है? एस सोमनाथ एयरोस्पेस इंजीनियर हें। उन्होंने व्हीकल मार्क-3 रॉकेट के डिजाइन में मदद की थी। इसी बाहुबली रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में भेजा गया। उन्होंने बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान से पढ़ाई की है। वे संस्कृत बोल सकते हैं। उन्होंने एक संस्कृत फिल्म यानम में एक्टिंग भी की है। उनके नाम सोमनाथ का मतलब चंद्रमा का भगवान है।

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