बड़ी खबर

27 मई की 10 बड़ी खबरें

1. लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले विपक्षी दलों का महाजुटान, 1 जून को होगी INDIA गठबंधन की बड़ी बैठक

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha Election 2024) के नतीजों से पहले विपक्षी गठबंधन INDIA (Opposition Alliance INDIA) बड़ी बैठक करने जा रहा है। हालांकि, इसे लेकर कांग्रेस (Congress) या किसी अन्य दल की तरफ से आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है। अब तक 6 चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। भारत निर्वाचन आयोग यानी ECI की तरफ से जारी कार्यक्रम के मुताबिक 1 जून को 7वें और अंतिम दौर की वोटिंग होनी है। वहीं, 4 जून को मतगणना होगी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विपक्षी गठबंधन INDIA ने 1 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। फिलहाल, इस बैठक का एजेंडा साफ नहीं है। खास बात है कि बैठक आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से एक दिन पहले ही हो रही है। उन्हें 2 जून को सरेंडर करना है।

2. चक्रवाती तूफान रेमल का पश्चिम बंगाल-ओडिशा समेत कई राज्यों पर पड़ेगा असर, जानिए IMD ने क्‍या कहा?

भीषण चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) में तब्दील हो चुके ‘रेमल’ (Remal) ने रविवार रात बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल (Bangladesh and West Bengal) के तटों पर दस्तक दे दी है। इसके चलते जमकर तबाही की खबरें हैं। हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD का कहना है कि सोमवार सुबह तक तूफान कमजोर पड़ सकता है और चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। कहा जा रहा है कि तूफान का असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत कई राज्यों पर पड़ सकता है। IMD का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर रेमल 13 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बीते 6 घंटों में उत्तर की तरफ बढ़ गया है…। मौसम विभाग ने जानकारी दी, ‘सिस्टम कुछ और समय के लिए उत्तर की ओर बढ़ना जारी रखेगा और इसके बाद उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ेगा और कमजोर पड़कर 27 मई 2024 की सुबह तक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा।’

3. Report: युवाओं में लगातार बढ़ रहा कैंसर का खतरा, 20% मरीज 40 साल से कम उम्र के

देश के युवा (Indian youth) कैंसर (Cancer) की गिरफ्त में हैं। यह खुलासा ऑन्कोलॉजिस्ट (Oncologist) के एक समूह के शुरू किए एनजीओ कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन की रिपोर्ट (Report of NGO Cancer Free India Foundation) में हुआ है। एनजीओ की कैंसर मरीजों के लिए चलाई जाने वाली हेल्पलाइन पर दूसरी राय लेने के लिए फोन करने वालों में 20 फीसदी कैंसर मरीज 40 साल की कम उम्र के हैं। यह साफ इशारा है कि युवाओं में कैंसर बढ़ रहा है। कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन के मुताबिक, मरीजों के लिए निशुल्क दूसरी राय लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर (93-555- 20202) शुरू किया गया। यह सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चालू रहता है। कैंसर मरीज प्रमुख ऑन्कोलॉजिस्ट से सीधे बात करने के लिए इन हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं या कैंसर के इलाज पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। इस हेल्प लाइन पर एक मार्च से 15 मई के बीच 1,368 कैंसर मरीजों की कॉल उन्हें आई थीं। एनजीओ के मुताबिक, सबसे ज्यादा कॉल हैदराबाद से थीं। इसके बाद मेरठ, मुंबई और नई दिल्ली का नंबर था। इनमें 40 साल से कम उम्र के कैंसर मरीजों में 60 फीसदी मरीज पुरुष थे।


4. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में राजनीतिक पार्टियों ने झोंकी पूरी ताकत, बिहार में शाह, नड्डा और खरगे ने की रैली

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha election 2024) के छह चरणों की समाप्ति हो चुकी है। अब सातवें चरण का मतदान (Voting) 1 जून को होना है। अंतिम फेज की 8 सीटों के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन (NDA and India alliance) ने बिहार में पूरी ताकत लगा दी है। रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने रैलियों का दंगल किया। राहुल गांधी सोमवार को बिहार में तीन तीन रैलियां करने वाले हैं। सभी नेताओं के अपने अपने दावे हैं। नड्डा और शाह ने जहां लालू और राहुल गांधी को टारगेट किया तो खरगे के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी हैं। काराकाट और सासाराम की दो चुनावी रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नक्सलवाद को समाप्त किया। झारखंड, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में नक्सलवाद समाप्त हो गया है। यदि आपने थोड़ी सी भी गलती की, वोट बिगाड़ा, इधर-उधर हुए तो माले आ जायेगा, फिर से नक्सलवाद को बढ़ाएगा और पुराना दौर लौटेगा। अगर माले को रोकना है, तो आपके पास एक ही विकल्प है- नरेंद्र मोदी।

5. TMC के खिलाफ विज्ञापन मामले में BJP को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कह डाली ये बड़ी बात

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से भी भाजपा को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने विज्ञापन मामले में दी गई याचिका पर विचार (Consideration of the petition given in the advertisement case) करने से इनकार कर दिया है। दरअसल, अदालत ने आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन में तृणमूल कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ विज्ञापन जारी करने से रोकने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन अपमानित करने वाले हैं। आप कह सकते हैं कि आप सबसे अच्छे हैं लेकिन दूसरों के बारे में इस तरह की बातें नहीं कर सकते। हम आपको इस तरह की कटुता बढ़ाने की छूट नहीं दे सकते। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की याचिका खारिज कर दी।

6. कितना बदल गया देश का बजट, वित्तमंत्री ने बताया 10 साल का हाल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) नीत सरकार ने पिछले 10 वर्षों में केंद्रीय बजट को खर्चों के रिकॉर्ड से बदलकर समान वितरण के रणनीतिक खाके में तब्दील किया है. वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार टैक्सपेयर्स के पैसे का सर्वोत्तम संभव इस्तेमाल करना जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी बजट प्रथाओं और आंकड़ों में ट्रांसपेरेंसी को प्राथमिकता दी है. ट्रांसपेरेंट बजट वाले देशों को अक्सर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और वर्ल्ड बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा अधिक अनुकूल रूप से देखा जाता है. इससे वैश्विक विश्वास में सुधार हो सकता है. सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में लिखा कि यह इंडियन नेशनल कांग्रेस की यूपीए सरकार की ऑफ-बजट उधारी और ऑयल बॉन्ड जारी करने के जरिए घाटे को छिपाने की दोहराई जाने वाली प्रथा के बिल्कुल विपरीत है, जिसने कुछ हद तक राजकोषीय बोझ को भविष्य की पीढ़ियों पर ट्रांसफर कर दिया. यूपीए के तहत बजट आंकड़ों को अनुकूल दिखाने के लिए मानक राजकोषीय प्रथाओं को नियमित रूप से बदला गया. उन्होंने कहा कि पिछले दशक में पुरानी बाधाओं और प्रथाओं को पीछे छोड़ते हुए केंद्रीय बजट की विश्वसनीयता में काफी सुधार देखा गया है.


7. जीतू पटवारी की याचिका पर इमरती देवी को नोटिस, FIR निरस्त करने की मांग; जानें पूरा मामला

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट (High Court) ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी (Jitu Patwari) की ओर से दायर याचिका (filed petition) के बाद पूर्व मंत्री इमरती देवी (Imarti Devi) को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब मांगा गया है. एमपी एमएलए की विशेष अदालत में लगाई गई याचिका पर सुनवाई के बाद इमरती देवी को नोटिस जारी किया गया. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता इमरती देवी द्वारा कांग्रेस (Congress) के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर (FIR) को लेकर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई है. दरअसल, मध्य प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी का मसला अब हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ग्वालियर (Gwalior) में इमरती देवी को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई और इमरती देवी ने ग्वालियर के डबरा थाने में धारा 509 और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी थी.

8. 5 जुलाई को आपके बैंक अकाउंट में आ जाएंगे 8500 रुपए, राहुल गांधी ने बता दी पहली किस्त की तारीख

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) 2024 के सातवें और आखिरी चरण के चुनाव प्रचार (Election Campaign) में लगे कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बिहार (Bihar) के आरा में एक रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में गरीबों (poor in the country) की एक लिस्ट तैयार की जाएगी. हर गरीब परिवार से एक महिला (Women) का नाम चुना जाएगा. I.N.D.I.A गठबंधन सरकार बनाएगा और देश की करोड़ों गरीब महिलाओं के बैंक खाते में 8500 रुपए आएंगे. उन्होंने कहा, “I.N.D.I.A गठबंधन के सामने 2 समस्याएं हैं. एक अमीर-गरीब असमानता और दूसरी बेरोजगारी. कांग्रेस पार्टी इन दोनों समास्याओं को एक झटके में ठीक करने जा रही है. देश में गरीबों की एक सूची तैयार की जाएगी. 4 जून को गठबंधन सरकार बनाएगा. 5 जुलाई को देश की करोड़ों गरीब महिलाओं के बैंक खाते में 8500 रुपए आएंगे. यह जुलाई से अगस्त से लेकर सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर तक जारी रहेगा. इसी तरह ‘ठका-ठक, ठका-ठक अंदर’ और जब ऐसा होगा तो मीडिया कोई सवाल उठाएगा तो हम कहेंगे कि हम ये रकम दोगुनी कर देंगे.”


9. पंजाब में दिलचस्प है मुकाबला, 27 साल बाद अकेले मैदान में भाजपा, कांग्रेस और AAP भी आमने-सामने

पंजाब (Punjab) की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अंतिम चरण में एक जून को वोटिंग (Voting in the last phase on June 1) होनी है. इस बार पंजाब में चुनावी मुकाबला चार कोणीय (Election contest in Punjab is four-cornered) नजर आ रहा है. पंजाब में इस बार कोई गठबंधन नहीं है. तीन दशक के बाद बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल एक दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. दिल्ली-गुजरात, हरियाणा, गोवा में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पंजाब ने आमने-सामने ताल ठोक रखी है. पंजाब में बीजेपी का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तीन लोकसभा सीट जीतने का ही रहा है, लेकिन पहली बार 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी दलबदलुओं के दम पर तीन सीट का बैरियर 2024 में तोड़ने में सफल हो पाएगी? पंजाब में बीजेपी पहली बार अपने बूते चुनाव लड़ रही है. अब तक बीजेपी अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ती रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 2 सीटें जीती थी. इस बार सभी 13 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार हैं. बीजेपी यहां पीएम मोदी के नाम के सहारे मैदान में है. बीजेपी ने पंजाब की 13 में से तीन सीटों- गुरदासपुर, होशियारपुर और आनंदपुर साहिब सीट पर अपने कैडर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि बाकी सीटों पर दूसरे दलों से आए हुए नेताओं पर दांव खेला है. बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजाब से बहुत उम्मीदें पाल रखी हैं.

10. जिस पार्टी ने दिल्ली में सबसे ज्यादा सीटें हासिल की, केंद्र में उसकी ही सरकार बनी! समझें- सियासी गणित

लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav 2024) अब अपने आखिरी दौर में है. 1 जून को आखिरी चरण की वोटिंग के साथ ही चुनाव खत्म हो जाएगा. और 4 जून को नतीजे आ जाएंगे. लेकिन उससे पहले ही राजनीतिक हल्कों में अगली सरकार (Next government in political circles) को लेकर अलग-अलग भविष्यवाणियां और दावे किए जा रहे हैं. लेकिन अगली सरकार को लेकर सबसे सटीक भविष्यवाणी इस बात से की जा सकती है कि दिल्ली की सभी सीटों पर किस पार्टी ने जीत हासिल की? 17 लोकसभा चुनावों में से 9 बार दिल्ली की सभी सीटों पर एक ही पार्टी ने जीत हासिल की है. पिछले लोकसभा चुनावों की नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि 1967, 1989 और 1991 को छोड़ दिया जाए, तो हर बार जिस भी पार्टी ने दिल्ली में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कीं, केंद्र में सरकार उसकी ही बनी. 1952 में जब पहले लोकसभा चुनाव हुए, तब दिल्ली में तीन ही सीट थी. इनमें से एक सीट पर दो सांसद चुने जाते थे. कांग्रेस ने तीन पर कब्जा कर लिया और केंद्र में पहली सरकार बनाई. 1957 में दूसरे लोकसभा चुनाव में सीटों की संख्या चार हो गई और सभी पर कांग्रेस ने जीत हासिल की. 1962 में सीटें बढ़कर पांच हो गईं और कांग्रेस ने एक बार फिर सभी सीटों पर कब्जा कर लिया. 1957 और 1962 में कांग्रेस ने दिल्ली के सभी सीटें जीतीं और केंद्र में अपनी सरकार बरकरार रखी.

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