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17 सितंबर की 10 बड़ी खबरें

1. भारत आजाद होने से पहले ही नेताजी ने बना दी थी अपनी सरकार! जानें कौन था राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री?

सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी मां भारती के एक सच्चे सपूत का दर्जा हासिल है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) ने 21 अक्टूबर के दिन साल 1943 में आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति के रूप में स्वतंत्र भारत की वैकल्पिक सरकार बनाई और उसे ‘आरजी हुकूमत-ए-आजाद हिंद’ का नाम दिया। जी हां, उन्होंने ब्रिटिश हुकुमत (British rule) रहते हुए ही अपनी सरकार बना दी थी और प्रधानमंत्री आदि नियुक्त (appointed Prime Minister) कर दिए थे। ऐसे में जानते हैं इस घटना से जुड़ी खास बातें और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के संघर्ष के बारे में, जो उन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए किया था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का मानना था कि भारत को अपनी स्वतंत्रता के लिए विश्व युद्ध का फायदा (advantage of world war) उठाना चाहिए और अग्रेंजो के खिलाफ लड़ रहे देशों की मदद से भारत से ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेखना चाहिए। सुभाष चंद्र बोस का मानना था कि सशस्त्र संघर्ष से ही भारत को आजाद करवाया जा सकता है। साल 1920 और 1930 के दशक में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के कट्टरपंथी दल के नेता रहे, 1938-1939 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने की राह पर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन वो ज्यादा दिन तक अध्यक्ष भी नहीं रहे।

 

2. नीरज चोपड़ा इतिहास रचने से चूके, डामंड लीग फाइल्स का खिताब डिफेंड करने में नाकामाब रहे

भारतीय स्टार (indian star) भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (player Neeraj Chopra) 16 सितंबर शनिवार को डायमंड लीग फाइल्स (diamond league files )में अपना खिताब डिफेंड करने में नाकामाब (failed)रहे और वह 83.80 मीटर के अपने बेस्ट थ्रो के साथ दूसरे पायदान पर रहे। इस बार डायमंड लीग फाइनल में बाजी चेक गणराज्य के जैकब वाडलेच ने मारी जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 84.24 मीटर की दूसर तय कर अपना दबदबा बनाए रखा। फाइनल्स के दौरान नीरज अपनी लय में नहीं दिखे। अपने दो प्रयास में उन्होंने फाउल किया, वहीं बाकियों में वह साधारण ही नजर आए। अगर नीरज डायमंड लीग फाइल्स का खिताब इस बार जीतने में सफल रहते तो वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय और दुनिया के कुल तीसरे खिलाड़ी ही बनते। उनसे पहले चेक गणराज्य के विटेजस्लाव वेस्ली 2012 और 2013 में तो, जैकब वाडलेच 2016 और 2017 में यह कारनामा कर चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज ने डायमंड लीग्स फाइनल की शुरुआत फाउल से की। मगर अपने दूसरे ही प्रयास में उन्होंने 83.80 मीटर की दूसरी तय कर दूसरा पायदान हासिल किया और अंत तक वहीं बने रहे। नीरज ने अगले चार प्रयास में एक और फाउल किया और वह 83.80 मीटर से दूर भाला नहीं फेंक पाए।

 

3. नए संसद भवन में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने फहराया राष्ट्रीय ध्वज, ओम बिरला साथ में मौजूद

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति (Vice President and Chairman of Rajya Sabha) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने आज नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। बता दें कि सोमवार से संसद का विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है। इसी सत्र के दौरान संसदीय कार्यवाही पुराने से नए भवन में स्थानांतरित हो सकती है। ऐसे में संसद का विशेष सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही नए संसद भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। लोकसभा सचिवालय ने बताया कि धनखड़ नए संसद भवन में गज द्वार के ऊपर झंडा फहराएंगे। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन और राज्यसभा और लोकसभा में विभिन्न दलों के नेता भी उपस्थित रहेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था लेकिन वह नाराज हैं और ध्वजारोहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि उन्हें काफी देर से निमंत्रण मिला। खरगे ने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है।

 


 

4. ‘आगामी चुनाव धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई है’: स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) ने 16 सितंबर को कहा कि आगामी चुनाव ‘धर्म’ और ‘अधर्म’ के बीच की लड़ाई है. वे मध्य प्रदेश के सीहोर में चल रही ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रही थीं. मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा कि यह वोट की लड़ाई नहीं है; यह धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई है. उन्होंने सनातन धर्म पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम ( द्रमुक) नेताओं की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, “अंग्रेज आए और लौट गए, मुगल सल्तनत समाप्त हो गई, हम अभी भी यहां हैं और कल भी वहीं रहेंगे.” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘‘हम यह भ्रम न पालें की आगामी समय में हम सिर्फ चुनाव लड़ने वाले हैं. यह मात्र वोट की लड़ाई नहीं, यह लड़ाई उनसे है जो राम का नाम लेते हैं और कोर्ट में हलफनामा देकर राम के अस्तित्व को नकारते हैं.’’ उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य चुनावी लड़ाई नहीं होगी. यह उन लोगों का गठबंधन है जो सनातन धर्म को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं और हमारा संकल्प है कि जब तक हमारी जान है हम धर्म की रक्षा करेंगे.

 

5. ‘आराम से बैठने का समय नहीं…’, मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेसियों से कहा- चुनावों के लिए तैयार हो जाओ

हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक (Congress Working Committee meeting held in Hyderabad) में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावों को लेकर तैयार हो जाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि हमें अपनी ताकत दिखाने का समय आ गया है. एक तानाशाह सरकार को हटाकर भारत के लोकतंत्र को बचाने के लिए सामने आना होगा. मल्लिकार्जुन खरगे ने इस दौरान अपने संबोधन से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि देश अब बदलाव चाहता है. हाल के विधानसभा चुनावों में कर्नाटक हो या हिमाचल प्रदेश- यहां की जीत इस बात के प्रमाण हैं. सोनिया गांधी, राहुल गांधी की मौजूदगी में मल्लिकार्जुन खरगे ने ये भी कहा कि अभी आराम से बैठने का समय नहीं है. हमें दिन-रात मेहनत करनी होगी. उन्होंने कार्यकर्ताओं में यह कहकर मनोबल बढ़ाने का भी प्रयास किया कि सबके जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इससे निराश होने की जरूरत नहीं. हमें पूरे अनुशासन के साथ जनता के हित के कार्य करते रहने चाहिए. अनुशासन ही एक दिन किसी को बड़ा नेता बनाता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का संदेश सुनाकर कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि हैदराबाद में ही सन् 1953 में कांग्रेस महाधिवेशन में पं. जवाहर लाल नेहरू ने कहा था – “हमें हमेशा पूरे देश के बारे में सोचना है. हर काम इसी बड़े मकसद के लिए करना है. लेकिन हम एक पार्टी के सदस्य हैं और हममें वह अनुशासन की भावना होनी चाहिए जो किसी भी पार्टी के लिए जरूरी है.”

 

6. ‘जब बैंक गारंटी नहीं देता तब मोदी गारंटी देता है’, विश्वकर्मा योजना पर बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज दिल्ली के द्वारका स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ का उद्घाटन किया. पीएम ने यहां विश्वकर्मा योजना लॉन्च की. उन्होंने 18 कामगारों को प्रमाण पत्र भी दिए. पीएम ने कहा कि विश्वकर्मा साथी रीढ़ की हड्डी हैं. आज का दिन शिल्पकारों को समर्पित है. विश्वकर्मा योजना पर 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा साथियों के ट्रेनिंग पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ‘जब बैंक गारंटी नहीं देता तो मोदी गारंटी देता है.’ इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) – ‘यशोभूमि’ के चरण-1 के उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि “आज विश्वकर्मा जयंती है, यह दिन कारीगरों को समर्पित है. मैं देश को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं देता हूं.” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बैंक गारंटी नहीं देता है लेकिन मोदी गारंटी देता है.” पीएम कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देने के उद्देश्य से पीएम विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ के दौरान यशोभूमि सम्मेलन केंद्र में भीड़ को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि घरेलू सामानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान एक साझा जिम्मेदारी है और इसे सफल बनाने के लिए सभी को कोशिश करने की जरूरत है. उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ और आईआईसीसी के उद्घाटन पर कहा कि यशोभूमि सम्मेलन केंद्र से हमारे विश्वकर्मा मित्रों को भी फायदा होगा.

 


 

7. केरल में ही क्यों कहर बरपा रहा है निपाह वायरस, लगातार बढ़ रहे मामले, जानें वजह

निपाह वायरस (nipah virus) 19 साल पहले मलेशिया में डिटेक्ट किया गया था. वहीं, भारत में यह वायरस 2018 में पाया गया था. सबसे पहले केरल में निपाह वायरस का पता चला था. हालांकि, 5 साल बाद एक बार फिर केरल में निपाह वायरस का प्रकोप बढ़ गया है. इस साल 17 सितंबर तक राज्य में निपाह वायरस के छह मामले सामने आए हैं. चिंताजनक बात यह कि निपाह वायरस से संक्रमित रोगियों की मृत्यु दर बहुत अधिक है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने निपाह वायरस के मामलों में मृत्यु दर 40 से 70% के बीच आंकी है. इस साल केरल में सामने आए छह मामलों में से दो लोगों की मौत हो चुकी है. निपाह वायरस से होने वाली ज्यादा मौतों का एक प्रमुख कारण इसका वायरल स्ट्रेन भी है. उदाहरण के लिए वर्तमान में बांग्लादेश में फैला स्ट्रेन, जिसके के बारे में कहा जाता है कि इससे होने वाली मृत्यु दर 90% है. केरल के अधिकारियों का कहना है कि केरल में मिला वायरस बंग्लादेश में पाया जाने वाला स्ट्रेन है.

 

8. CWC मीटिंग में सनातन धर्म विवाद का उठा मुद्दा, बीजेपी के एजेंडे में नहीं फंसने की गई अपील

हैदराबाद में नई गठित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की आज दूसरे दिन की बैठक में सनातन धर्म को लेकर छिड़े विवाद पर चर्चा हुई। सनातन धर्म पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) नेताओं की टिप्पणियों से बढ़ते विवाद के बीच कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शनिवार को इस विषय पर सावधानी भरा रुख अपनाने और पार्टी से बीजेपी के एजेंडे में नहीं फंसने की अपील की। इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने भी अपनी राय रखी। सूत्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें नहीं फंसना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि कि राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को गरीबों के मुद्दे उठाने चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति के हों।

 


 

9. श्रीलंका को हराकर 8वीं बार एशिया कप का चैंपियन बना भारत

भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका (Asia Cup 2023) को उसके घर में 10 विकेट से रौंदकर इतिहास रच दिया है. एशिया कप फाइनल (asia cup final) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीम ने दस विकेट से विपक्षी टीम को मात दी है. टीम इंडिया (team india) की इस यादगार जीत में तेज गेंदबाज मोम्मद सिराज का अहम योगदान रहा जिन्होंने विकेटों का सिक्सर लगाकर श्रीलंका को 15. 2 ओवर में महज 50 रन पर ढेर कर दिया. भारत ने 51 रन के लक्ष्य को 6.1 ओवर में बिना कोई विकेट गंवाए टारगेट हासिल कर लिया. विकेटकीपर ओपनर ईशान किशन (Ishan Kishan) 23 रन बनाकर नाबाद लौट जबकि शुभमन गिल (Shubman Gill) ने नाबाद 27 रन का योगदान दिया. इससे पहले एशिया कप (वनडे फॉर्मेट) के फाइनल में भारत ने 1995 में श्रीलंका को ही 8 विकेट से हराया था जो विकेटों की लिहाज से किसी टीम की सबसे बड़ी जीत थी. श्रीलंका के 5 बैटर खाता भी नहीं खोल सके जबकि उसकी ओर से कुशल मेंडिस सबसे ज्यादा 17 रन बनाए.

 

10. क्या है विश्वकर्मा योजना, जिसे आज PM मोदी ने लॉन्च किया, कैसे मिलेगा फायदा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज PM विश्वकर्मा योजना लॉन्च (PM Vishwakarma Scheme Launched) कर दी है. इसके तहत तमाम कौशल वाले कारीगरों को ट्रेनिंग और लोन (Training and loans to skilled artisans) दिया जाएगा. इस योजना को लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) से पहले काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि मोदी सरकार (Modi government) इससे एक बड़े वर्ग को साधने की कोशिश भी कर रही है. इस योजना के तहत मिट्टी का काम करने वाले, जूते-चप्पल बनाने वाले और कपड़े सिलने जैसे कुल 18 पारंपरिक कारोबारों को विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी देकर पहचान दी जाएगी. इसके अलावा, 1 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 5 प्रतिशत के ब्याज पर दिया जाएगा. इससे पहले पीएम मोदी ने द्वारका के IICC यशोभूमि में तमाम कारीगरों से मुलाकात की और उनके काम के बारे में उनसे चर्चा की. उन्होंने जूते बनाने वालों, राज मिस्त्री, कपड़ा सिलने वाले और अन्य कारीगरों के पास जाकर उनके काम के बारे में विस्तार से चर्चा की. इस योजना से देश का एक बड़ा कामगार वर्ग लाभान्वित होगा जो कि अभी तक चिह्नित नहीं किया जा सका है. पीएम मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान किया था कि पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की जाए. अब इसे विश्वकर्मा पूजा के दिन ही शुरू किया गया है.

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