इंदौर न्यूज़ (Indore News)

10 अधिकारियों ने लिया गरीब बस्तियोंं को गोद

  • कलेक्टर ने गोद लेकर विकास करने के निर्देश दिए फिर भी
  • पहले चरण में अपर कलेक्टर बेड़ेकर और लोवंशी ने किया काम शुरू

इंदौर (Indore)। मुख्यमंत्री (Chief Minister) के निर्देश पर शासन द्वारा निकाली जा रही विकास यात्रा (Journey of development) से भी अछूती रह रही बस्तियों का विकास करने और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कलेक्टर के निर्देश के बावजूद भी दस ही अधिकारियों ने गरीब बस्तियों को गोद लिया अन्य अधिकारियों ने सूध भी नहीं ली।

मल्हारगंज, राऊ, बिचौली हप्सी, सांवेर, हातोद की ऐसी बस्तियां जहां विकास यात्रा में शामिल नेता, अधिकारी ही नहीं पहुंच पाए, उनके लिए अब कलेक्टर ने पहल करते हुए गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन विकास यात्रा और हाल ही में दो महीने में हुए बड़े-बड़े आयोजनों में उलझे अधिकारी कलेक्टर के फरमान को भी तामिल में लाना भूल गए हैं। सिर्फ अपर कलेक्टर बिचौली हप्सी में भील मोहल्ला, सनावदिया, अपर कलेक्टर हातोद ने गरीब बस्ती जम्बूडी हप्सी, अपर कलेक्टर राऊ ने अमर पैलेस कालोनी तेजपुर गड़बड़ी, अपर कलेक्टर सांवेर ने जोशी मोहल्ला, वार्ड 14 व भील बस्ती सांई मंदिर के पास लसुडिय़ा परमार को गोद लिया है। अपर कलेक्टर अभय अरविंद बेड़ेकर व अपर कलेक्टर सपना लोवंशी ने बस्तियों को गोद लेकर शिविर लगाकर बेसिक सुविधाएं मुहैया कराने की पहल कर दी है।


आधार कार्ड से राशन तक
कलेक्टर इलैयाराजा टी ने अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए अपने अपने क्षेत्र की मलिन व अछूती बस्तियों को गोद लेकर विकसित करने की पहल शुरू की थी। जिसके बाद दो ही अपर कलेक्टर और पांच अनुविभागीय अधिकारी सामने आए हैं, जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र की बस्तियों को गोद लिया है। इन बस्तियों में निचले वर्ग के लोगों को आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र जैसी जैसी सुविधाओं के साथ साथ नल जल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ शासन द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराए जा रहे खाद्यान्न के लिए खाद्यान्न पर्चियां उपलब्ध करने की पहल करनी है, इसके साथ ही बेसिक स्वास्थ्य के लिए भी स्वास्थ्य कैम्प लगाए जाना प्रस्तावित किए गए हैं।

ये रहे पीछे
अपर कलेक्टर जूनी इंदौर, अपर कलेक्टर देपालपुर, अपर कलेक्टर खुड़ैल, अपर कलेक्टर आम्बेडकर नगर महू, अपर कलेक्टर कनाडिय़ा सहित इन क्षेत्रों के अनुविभागीय अधिकारी भी बस्तियों के गोद लेने में पीछे नजर आ रहे हैं। अब तक इन अधिकारियों ने लिस्ट ही तैयार नहीं की है कि उनके क्षेत्र में किन बस्तियों ंमें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।

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