इंदौर। पीएम मित्र पार्क योजना के तहत धार के पास जो टेक्सटाइल पार्क तैयार किया जा रहा है उसके लिए 100 प्रतिशत जमीन अधिग्रहित कर ली गई है और उसके साथ ही चार औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण भी किया जा रहा है। टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर के लिए विशेष अतिरिक्त अनुदान शासन द्वारा दिए जा रहे हैं और अब 30 दिन में उद्योग शुरू किए जा सकते हैं। कल शाम टेक्सटाइल एक्सपो में मुख्यमंत्री के साथ भोपाल से आए आला अफसर भी शामिल हुए। इंदौर को गारमेंट का हब बनाने के साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बेंगलुरु में आयोजित उद्यमियों से चर्चा के दौरान रैल कोच निर्माण के लिए फटाफट 150 एकड़ जमीन का आवंटन बिना विलंब कर दिया गया, जो कि प्रदेश में उद्योग संवर्धन और निवेश वृद्धि की पारदर्शी नीति का नया उदाहरण है।
एक निजी होटल में आयोजित इस एक्सपो में भी हालांकि मुख्यमंत्री लगभग दो घंटे विलंब से पहुंचे और तब तक टेक्सटाइल और गारमेंट्स क्षेत्र के उद्यमियों ने उनका इंतजार भी किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिए एक अनुकुल, समर्थ और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक वातावरण विकसित किया गया है और बिजली की भी कोई समस्या नहीं है और टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए जो आवश्यक सुविधाएं चाहिए उन्हें भी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें पानी, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज ट्रीटमेंट प्लांट, सब स्टेशन सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड रीजन एंड अपेरल पार्क की दिशा में भी तेजी से काम चल रहा है और इसके लिए 100 फीसदी जमीन अधिग्रहित भी की जा चुकी है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कारखाने हमारे लिए मंदिर की तरह हैं। देवालय और मंदिर जिस तरह श्रद्धा का केंद्र होते हैं, उसी तरह कारखाने बड़े वर्ग को लाभान्वित करने के पवित्र भाव के साथ संचालित होते हैं। शासन द्वारा लागू अनुकूल नीतियों और सुशासन का लाभ उद्योगों को दिलाने के लिये मध्यप्रदेश में विशेष अभियान चल रहा है। मध्यप्रदेश में जो उद्योगपति आते हैं वे यहीं के होकर रह जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत वर्ष मध्यप्रदेश के सभी संभागों में रीजनल इन्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गईं। इसके बाद इस वर्ष फरवरी में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन हुआ। इन प्रयासों से 30 लाख हजार करोड़ से अधिक का निवेश लाने में सफलता मिली। अब विभिन्न सेक्टर को ध्यान में रखकर उद्योग संवर्धन कार्यक्रम हो रहे हैं।
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