नई दिल्ली । देश के सबसे बड़े दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Express-way) पर हर 20 किलोमीटर की दूरी पर इलेक्ट्रिक बसों (Electric buses) के लिए चार्जिंग स्टेशन (charging station) बनाने की योजना है। स्वीडन की तर्ज पर ऐसे चार्जिंग स्टेशन (charging station) बनाए जाएंगे। इन चार्जिंग स्टेशन (charging station) पर एक बार गाड़ी चार्ज होने के बाद करीब 200 किलोमीटर तक दौड़ेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के मुताबिक, इस हाइवे का काम करीब 50 फीसदी तक पूरा हो चुका है।
गडकरी (Nitin Gadkari) का कहना है कि इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi-Mumbai Express-way) पर रेलवे की तरह ट्रैक बिछाने की योजना है। वहीं, इस एक्सप्रेस वे (Express-way) के बन जाने से दिल्ली-मुंबई पहुंचने में केवल 12 घंटे के आसपास का समय लगेगा। करीब 1258 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस हाइवे को पूरा करने का लक्ष्य जनवरी 2023 रखा गया है। यह हाइवे ग्रीन हाई वे होगा। इससे हर साल करीब 32 करोड़ लीटर ईंधन की बचत होगी। इसकी वजह से सालाना करीब 85 करोड़ किलोमीटर कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन घटेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
5 राज्यों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे
यह एक्सप्रेस-वे (Express-way) कुल 5 राज्यों से गुजरेगा, जिनमें दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। यह जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद और सूरत जैसे इकनॉमिक हब के लिए भी शानदार कनेक्टिविटी मुहैया कराएगा।