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रायगढ़ में पहाड़ी का एक हिस्सा गिरने से 15 ग्रामीणों और बचाव दल के एक सदस्य की मौत


रायगढ़ । महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में (In Raigadh District of Maharashtra) खालापुर के पास (Near Khalapur) इरशालवाड़ी आदिवासी गांव पर (On Irshalwadi Tribal Village) 550 मीटर ऊंची पहाड़ी का एक हिस्सा गिरने से (As a part of the 550 Meters High Hill Collapsed) 15 ग्रामीणों (15 Villagers) और बचाव दल के एक सदस्य (A Member of the Rescue Team) की मौत हो गई (Died) । अधिकारियों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी।


घटना बुधवार देर रात की है। लगभग 10 लोगों को कीचड़ और पत्थर से बचाया गया, जबकि अन्य 80 लोगों के अभी भी फंसे होने की आशंका है। उन्हें बचाने के लिए युद्धस्तर पर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर दूर घटनास्‍थाल पर पहुंचे और स्थिति की निगरानी की, जबकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र में तैनात हैं। राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, आपदा बुधवार रात करीब 11.45 बजे घटी।

550 मीटर से अधिक ऊंची पहाड़ी का एक हिस्सा आदिवासी गांव इरशालवाड़ी पर गिर पड़ा । इससे 30-40 झोपड़ियां दब गईं और उनमें रहने वाले लोग फंस गए। पवार के मुताबिक, इरशालवाड़ी गांव की आबादी 228 है, इसमें से 100 से ज्यादा लोग इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं। आपदा की जानकारी मिलने पर, रायगढ़ जिला प्रशासन और पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया। पहाड़ी इलाके में बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें बिखरी होने के कारण बचाव दल को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

गुरुवार सुबह शिंदे ने स्थिति की समीक्षा की और खतरनाक इलाके में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए कहा कि बचाव अभियान के लिए क्रेन और भारी मशीनरी को वहां नहीं ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए दो हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि हेलिकॉप्टर मिशन के लिए तैयार हैं, लेकिन तूफानी मौसम की स्थिति के कारण वे क्षेत्र में नहीं उतर पाएंगे। डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं आ रही हैं, लेकिन लोगों को बचाने के लिए प्रयास जारी हैं।

अखिल महाराष्ट्र गिर्यारोहण महासंघ के अध्यक्ष उमेश ज़िरपे ने कहा कि महाराष्ट्र पर्वतारोही बचाव समन्वय केंद्र (एमएमआरसीसी) के माध्यम से लगभग 60 पर्वतारोही वहां खोज और बचाव अभियान में शामिल हुए हैं। ज़िरपे ने पुणे से आईएएनएस को बताया, “इरशालगढ़ किले वाली यह पहाड़ी एक लोकप्रिय ट्रैकिंग प्वाइंट है और इर्शलवाड़ी गांव दुर्घटनाग्रस्त चट्टानी चट्टानों के ठीक नीचे स्थित है।”

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