जयपुर । लिटरेचर फेस्टिवल का 16वां संस्करण (16th Edition of Literature Festival) एक साल के बाद (After One Year) गुलाबी शहर जयपुर में (In Pink City Jaipur) शुरू हो गया है (Begins) । इसमें दुनिया भर से (From All Over the World) साहित्य, संगीत, कला और फिल्म से जुड़े (Associated with Literature, Music, Art and Film) 350 वक्ता (350 Speakers) संबोधित करेंगे (Will Address) । यह अनूठा महोत्सव 19 से 23 जनवरी तक जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में चलेगा। गुरुवार को उद्घाटन समारोह को नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुलराजक गुरनाह ने फ्रंट लॉन में सुबह 9:50 बजे से संबोधित किया। इस वर्ष की थीम ‘उत्सव’ है, जो राजस्थान के रंगों का जश्न मना रहा है और चमकीले रंगों को प्रदर्शित कर रहा है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर संजय राय ने बताया कि इस बार फेस्टिवल का आयोजन ग्रीन कॉन्सेप्ट पर किया जा रहा है, इसमें किसी कार्ड की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद लोग सिर्फ अपना बारकोड दिखाकर महोत्सव में शामिल हो सकेंगे। एक बार प्रवेश करने के बाद, उन्हें साहित्य, कला और संगीत से संबंधित चिंतन और मंथन के साथ-साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने को मिलेंगे।
अपनी सजावट के साथ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 ने दर्शकों के लिए उसी आनंद को दोहराने की कोशिश की, जो वे एक भारतीय पारंपरिक उत्सव से लेते हैं। इस वर्ष की पूरी साज-सज्जा और थीम भारतीय सांस्कृतिक विरासत और इसकी जीवंत प्रकृति का मिश्रण है। वक्ता कला, साहित्य और संगीत के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। चूंकि इस बार जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की थीम उत्सव है, इसलिए होटल क्लार्क्स आमेर को राजस्थानी रंगों और कलाकृतियों से सजाया गया है।
कुछ प्रमुख सत्रों में नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुलराजक गुरनाह ब्रिटिश प्रकाशन किंवदंती एलेक्जेंड्रा प्रिंगल के साथ बातचीत करेंगे। 1964 की क्रांति के बाद गुरनाह जांजीबार से चले गए थे। उन्होंने मेमोरी ऑफ डिपार्चर, पिलग्रिम्स वे, डॉटी, पैराडाइज, बाय द सी, डेजर्टियन और आफ्टरलाइव्स नामक रचनाएं लिखीं। अन्य सत्रों सस्टेनिंग डेमोक्रेसी में शेहान करुणातिलका नंदिनी नायर के साथ और नर्चरिंग डेमोक्रेसी में शशि थरूर त्रिपुरदमन सिंह के साथ बातचीत करेंगे।
कुल मिलाकर 350 वक्ता उत्सव में भाग लेंगे। महोत्सव के 16वें संस्करण में 21 भारतीय और 14 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं को प्रस्तुत किया जाएगा। वक्ताओं और पैनलिस्टों में ‘रेत की कब्र’ के लिए पिछले साल के अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री, बुकर विजेता बर्नार्डिन एवरिस्टो के साथ गुलजार, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, शोभा डे, शबाना आजमी, जावेद अख्तर, शशि थरूर, आंचल मल्होत्रा, अमीश त्रिपाठी शामिल हैं। सुधा मूर्ति, अश्विन सांघी, फिल्म निर्माता ओनिर, नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुलराजाक गुरनाह और भारतीय खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक अमरजीत सिंह दुलत जैसे प्रसिद्ध चेहरे भी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। पांच दिनों तक चलने वाले साहित्य महोत्सव के दौरान कई संगीतमय और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
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