डेस्क। कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले के कदुर तालुक में जानवरों के डॉक्टर ने गुरुवार को एक गाय के पेट से 21 किलो प्लास्टिक निकाला. गाय ने लंबे समय से अपने रूमेन में प्लास्टिक जमा कर लिया था. रुमेन को जुगाली करने वाले का पहला पेट कहा जाता है. 3 से 4 साल की उम्र की गाय को सूजन, कमजोरी और पोषण की कमी होने लगी थी, क्योंकि उसकी पाचन क्षमता कम हो गई थी.
डॉक्टर ने 4 घंटे की सर्जरी के बाद सरकारी पशु चिकित्सालय में सारा प्लास्टिक निकाल दिया. पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीई अरुण ने कहा कि जब एक गाय प्लास्टिक खाती है तो वो उसे न पचा सकती है और न ही अगले चेंबर में भेज सकती है, जिसके चलते वो जीवन भर उसके पेट में जमा होता रहता है. रूमेन में तापमान बढ़ जाता है और प्लास्टिक अंदर ही अंदर पिघलने लगती है. इसके चलते अन्य भोजन को पचने के लिए जगह नहीं मिलती. यही वजह है कि ब्लड को जरूरी पोषक तत्व फिर खाने से नहीं मिल पाते.
ऐसे की गई सर्जरी
सर्जरी के दौरान गाय को खड़ा रखा गया था और उसे लोकल एनेस्थीसिया दिया गया था. डॉक्टर ने कहा कि गाय अब ठीक है, उसे अगले पांच दिनों तक एंटीबायोटिक्स की दवाएं दी जाएंगी. इसके साथ ही दर्द को कम करने की दवाएं भी गाय को दी जाएंगी. अरुण ने पिछले एक साल में कदुर में ही ऐसे 10-15 मामलों का इलाज किया है.
डॉक्टर की लोगों से अपील
उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति किसी दूसरे जानवर की न हो इसके लिए जरूरी है कि प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल किया जाए. खाने को जब भी फेंके या जानवरों को खिलाएं तो उसे प्लास्टिक के कवर में न रखें. जहां तक संभव हो प्लास्टिक का इस्तेमाल न के बराबर करना चाहिए, जिससे बेजुवानों को इस तरह की स्थिति में जाने से बचाया जा सके.