बड़ी खबर

Ayodhya में काशी के 21 वैदिक ब्राह्मण कराएंगे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, अनुष्ठान 18 जनवरी से

वाराणसी (Varanasi)। भगवान राम के आराध्य (Lord Ram worshiped) शिव की नगरी काशी (city of Shiva Kashi) से अयोध्या (Ayodhya) का नाता और भी गहरा हो जाएगा। 22 जनवरी को नव्य, भव्य और दिव्य राममंदिर (Grand and divine Ram temple) में रामलला (Ramlala) की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जिम्मेदारी काशी के ही सभी 21 वैदिक ब्राह्मणों के हाथ में रहेगी। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास (Kashi Vishwanath Temple Trust.) के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने मुताबिक काशी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मृगशिरा नक्षत्र में मूर्ति स्थापित कराएंगे।

भूतो न भविष्यति की तर्ज पर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जाएगा। 18 जनवरी से प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान की शुरुआत हो जाएगी। विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की विधि का आरंभ गणेश, अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन से होगा। काशी के वैदिक पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों की टोली 17 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होगी। मुख्य आचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे और उनके पुत्र जयकृष्ण दीक्षित और सुनील दीक्षित पूजन कराएंगे। 17 जनवरी को ही रामलला की प्रतिमा अयोध्या में नगर भ्रमण पर निकलेगी।


81 कलशों में सरयू नदी का जल, गर्भगृह की धुलाई के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि राम मंदिर के गर्भगृह को सरयू से लाए गए 81 कलशों के जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास कर्मकांड होंगे। रामलला का अन्नाधिवास, जलाधिवास और घृताधिवास होगा। 21 जनवरी को 125 कलशों से मूर्ति के दिव्य स्नान के बाद शय्याधिवास कराया जाएगा। 22 जनवरी को सुबह नित्य पूजन के बाद मध्याह्न काल में प्राण प्रतिष्ठा की महापूजा होगी। षोडशोपचार पूजन के बाद मूर्तियों पर अक्षत छोड़ा जाएगा और पहली महाआरती के बाद रामलला आम भक्तों को दर्शन देंगे।

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, विद्वत परिषद समेत काशी के संतों को आमंत्रण
राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से समारोह के लिए आमंत्रण भेजने का कार्य शुरू हो गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, काशी विद्वत परिषद समेत काशी के संतों को आमंत्रण भेजा गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए 15 जनवरी से काशी से रवानगी शुरू हो जाएगी।

अनुष्ठान में रहेंगे चारों वेद के विद्वान
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए काशी के वैदिक विद्वानों की टोली में चारों वेद के ज्ञानी रहेंगे। मुख्य अनुष्ठान का संपूर्ण कर्मकांड काशी के 21 वैदिक ब्राह्मण पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में ही पूर्ण कराएंगे।

Share:

Next Post

Cricket: जब कपिल देव के साथ हुई थी बदतमीजी, खेल भावना भूल गए थे दक्षिण अफ्रीका कप्तान

Mon Dec 4 , 2023
नई दिल्ली (New Delhi)। रंगभेद नीति (apartheid policy) के कारण दक्षिण अफ्रीका (South Africa) ने कई वर्षों तक इंटरनेशनल क्रिकेट (International cricket) के प्रतिबंध का सामना किया. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) की सरकार की रंगभेद नीति के खिलाफ आईसीसी ने 1970 में उसे प्रतिबंधित कर दिया था. 21 साल बाद 1991 में भारत के खिलाफ […]