इंदौर न्यूज़ (Indore News)

215 करोड़ दो, 2 माह शराब ठेके और चलाओ


शासन ने बनाया फार्मूला… इंदौर में 766 करोड़ में गया है 271 दिन का ठेका
इंदौर। शासन के वाणिज्य कर विभाग (Commerce Tax Department) ने नया फार्मूला (Formula) बनाया है, जिसके चलते आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) ने सभी जिलों को पत्र भिजवाए हैं, जिसमें आगामी वित्त वर्ष में दो माह तक शराब का ठेका चलाया जा सकता है। इंदौर जिले के लिए फिलहाल 766 करोड़ रुपए में 271 दिन का ठेका दिया गया है। लिहाजा अब लगभग 215 करोड़ रुपए और चुकाकर दो माह तक 175 देशी-विदेशी शराब दुकानों का ठेका चलाया जा सकता है। गत वर्ष कोरोना के चलते 1 अप्रैल से शराब के ठेके प्रदेशभर में नहीं हो सके थे और इंदौर में भी 4 जुलाई से ठेके दिए गए, जो अभी 31 मार्च को समाप्त हो जाएंगे।


सहायक आयुक्त आबकारी इंदौर राजनारायण सोनी (Rajnarayan Soni) के मुताबिक पूरे साल का इंदौर का ठेका 1038 करोड़ रुपए का होता है, लेकिन चूंकि गत वर्ष कोरोना के चलते शराब ठेकों (Liquor Contracts) की नीलामी 1 अप्रैल से शुरू नहीं हो पाई थी, जिसके चलते 4 जुलाई से ठेके दिए गए। उसके पहले कुछ दिनों तक आबकारी विभाग ने ही शराब दुकानों का संचालन किया था। तत्पश्चात 766 करोड़ में मौजूदा वित्त वर्ष के शेष 271 दिनों का ठेका दिया गया, जो कि ठेकेदारों के समूह ने लिया है। अब शासन ने नई पॉलिसी में हुए विलंब के चलते दो माह इस ठेके को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। यानी आगामी वित्त वर्ष के दो माह अप्रैल-मई में भी ठेका संचालित किया जा सकता है, जिसके लिए शासन ने एक फार्मूला तय किया है, जिसके मुताबिक इंदौर में लगभग 215 करोड़ रुपए की राशि वर्तमान ठेकेदार समूह द्वारा अगर चुकाई जाती है तो दो माह के लिए ठेकों का संचालन और किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले में 175 देशी-विदेशी शराब दुकानें हैं। प्रदेशभर में 387 समूहों में शराब का ठेका दिया गया था, जिसमें से 346 समूहों का ठेका 31 मई तक का है और शेष 41 समूहों का ठेका 31 मार्च को खत्म हो जाएगा, जिसमें इंदौर जिला भी शामिल है। 31 समूहों में से 29 समूहों द्वारा कोरोना संक्रमण के चलते गत वर्ष जो ठेके हुए थे उन्हें वार्षिक मूल्य पर संचालन के लिए निरंतर नहीं किया गया, जिसके चलते पुन: ठेके दिए और 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई। अब अगर ये 41 समूह दो माह के लिए वृद्धि चाहते हैं तो उन्हें शासन द्वारा तय लाइसेंस फीस चुकानी होगी।


इंदौर में शराब की मांग इस कदर बढ़ी है कि कोरोना काल में सुस्त हुए व्यापार में जान आ गई… हालांकि सरकार ने सबसे पहले शराब दुकानों को ही छूट दी थी और उसके बाद से इन दुकानों पर तलबगारों का तांता लगने लगा… हद यह है कि हाईटेक हुए इंदौर में अब कॉलेजी लड़कियां भी शराब की दुकानों पर पहुंचने लगी हैं… इन लड़कियों को दुकानों पर आमतौर पर देखा जाने लगा है…

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