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भारत में IAS अफसरों के 22 प्रतिशत पद खाली, कैडर में नियुक्त करने पड़ रहे पीसीएस अधिकारी

नई दिल्ली. देश में आईएएस अधिकारियों (Indian Administrative Service Officers) की 22% कमी के चलते राज्यों को कैडर पदों पर गैर-कैडर अधिकारियों(non-cadre officers) की नियुक्ती करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. भारतीय प्रशासनिक सेवा की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (Department of Personnel and Training) से सिफारिश की है कि वह आईएएस अधिकारियों की वार्षिक संख्या बढ़ाए.

पिछली बार आईएएस अधिकारियों की वार्षिक भर्ती सिविल सेवा परीक्षा-2012 से बढ़ाकर 180 कर दी गई थी. अब 2022 की सिविल सेवा परीक्षा से हर साल आईएएस अधिकारियों की भर्ती की संख्या का निर्धारण करने के लिए कोई उपयुक्त समाधान खोजने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया गया है.

देश में IAS के करीब 1500 पद खाली हैं
कर्मियों, लोक शिकायतों, कानून एवं न्याय पर बनी संसद की स्थायी समिति ने पिछले हफ्ते पार्लियामेंट में 112वीं रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक आईएएस अधिकारियों की अधिकृत संख्या 6,746 है, जिसमें 4,682 पद भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के जरिए और राज्य सिविल सेवा से आईएएस कैडर में पदोन्नत अधिकारियों के 2,064 पद शामिल हैं. वर्तमान में पोस्टेड आईएएस अफसरों की संख्या 5,231 ही है, जिनमें 3,787 सीधी भर्ती से और 1,444 राज्य सिविल सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस कैडर में शामिल हुए हैं.



जम्मू-कश्मीर में सर्वाधिक 57% पद खाली
राज्यवार आकड़े देखें तो जम्मू और कश्मीर में 57%, इसके बाद त्रिपुरा में 40%, नागालैंड में 37.2%, केरल में 32% और झारखंड में 31% आईएएस के पद खाली हैं. खाली आईएएस पदों के सबसे कम प्रतिशत वाले राज्य तमिलनाडु (अधिकृत संख्या का 14.3%), मध्य प्रदेश (14.7%), हरियाणा (15.8%) और उत्तर प्रदेश (15.9%) हैं. संसद की स्थायी समिति ने पार्लियामेंट में जो रिपोर्ट पेश की, उसमें कहा गया है कि कुछ राज्यों में गैर-आईएएस अधिकारियों को कुछ मामलों में आईएएस कैडर के पदों पर नियुक्त किया जा रहा है. यह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) कैडर रूल, 1954 (Indian Administrative Service Cadre Rule, 1954) के नियम 9 का उल्लंघन है.

IAS कैडर में नियुक्त करने पड़ रहे पीसीएस
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) कैडर रूल, 1954 का नियम 9 राज्यों को गैर-आईएएस अधिकारियों को कैडर पदों पर नियुक्त करने की अनुमति केवल तभी देता है, जब रिक्ति को भरने के लिए उपयुक्त कैडर अधिकारी उपलब्ध न हो. आईएएस कैडर का अधिकारी उपलब्ध होने पर गैर-कैडर अधिकारी को बदलना होता है. यदि गैर-कैडर अधिकारी को आईएएस कैडर वाले किसी पद पर 3 महीने से अधिक समय तक बने रहना है तो, इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र से पूर्व स्वीकृति लेनी पड़ती है.

DoPT को बढ़ानी पड़ेगी IAS की वार्षिक संख्या
संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “नौकरशाहों की कमी, शायद, राज्यों को कैडर पदों पर गैर-कैडर अधिकारियों की नियुक्ति करने, उन्हें ऐसे पदों पर अनुमत समय सीमा से ज्यादा दिन तक बनाए रखने रखने के अलावा सेवारत अधिकारियों को कई प्रभार देने के लिए मजबूर कर रही है. समिति का मानना ​​है कि इस तरह के उपाय प्रशासन की दक्षता से समझौता करेंगे. इसलिए संसद की स्थायी समिति ने डीओपीटी से सिफारिश की है कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आईएएस अधिकारियों की वार्षिक संख्या में बढ़ोतरी करे.

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