मॉस्को। रुस (Russia) का एक 3 दशक पुराना उपग्रह अंतरिक्ष (Space) में मलबे से टकराने के बाद पृथ्वी से लगभग 870 मील (1,400 किलोमीटर) ऊपर कक्षा में विघटित हो गया है. उपग्रह के विघटन की सूचना सबसे पहले एस्ट्रोफिजिसिस्ट और स्पेस डेब्रिज के विशेषज्ञ जोनाथन मैकडॉवेल ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर दी.
यह घटना पृथ्वी (Earth) की कक्षा में एक अनिश्चित स्थिति पर प्रकाश डालती है, जहां 60 से अधिक वर्षों के स्पेस एक्सप्लोरेशन के लिए उपयोग में ली गईं पुरानी वस्तुएं, अब नए और सुचारू रूप से काम कर रहे उपग्रहों के लिए खतरा पैदा कर रही हैं.
मैकडॉवेल ने एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक और संभावित कक्षीय प्रभाव घटना: 1991 में लॉन्च किए गए एक निष्क्रिय सोवियत संचार उपग्रह से 7 मलबे वाली वस्तुओं को सूचीबद्ध किया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि मलबा या तो कॉसमॉस-2143 या कॉसमॉस-2145 का है, जो एक ही रॉकेट पर लॉन्च किए गए 8 स्ट्रेला-1एम सैट में से दो हैं.’ शोधकर्ताओं के मुताबिक 500 मील (800 किमी) से अधिक ऊंचाई पर छोड़े गए पुराने सोवियत उपग्रह और इस्तेमाल के बाद पीछे छोड़े गए रॉकेट स्टेज अंतरिक्ष स्थिरता के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं.
पहले भी होती रही है इस तरह की टक्कर
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक ये वस्तुएं इतनी ऊंचाई पर अंतरीक्ष में तैर रही हैं कि वे पृथ्वी के अवशिष्ट वायुमंडल के खिंचाव के कारण अपनी कक्षाओं के प्राकृतिक क्षय के बावजूद नीचे नहीं आ सकती हैं. ये वस्तुएं पहले ही कई घटनाओं में शामिल हो चुकी हैं.
फरवरी 2009 में, कॉसमॉस-2143 और कॉसमॉस-2145 अंतरिक्ष यान का एक चचेरा भाई, कॉसमॉस 2251 नामक एक उपग्रह, पृथ्वी से 490 मील (789 किलोमीटर) ऊपर अमेरिकी दूरसंचार कंपनी इरिडियम के एक उपग्रह से टकरा गया, जिसने अंतरिक्ष मलबे का एक विशाल बादल तैयार किया. वह घटना, 2007 के चीनी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण के साथ, वर्तमान में पृथ्वी के चारों ओर अधिकांश अंतरिक्ष मलबे और इस्तेमाल हो चुके रॉकेट स्टेज के फैल रहे टुकड़ों के लिए जिम्मेदार है.
इस साल जनवरी में, एक निष्क्रिय सोवियत जासूसी उपग्रह और एक इस्तेमाल हो चुका सोवियत रॉकेट स्टेज पृथ्वी से लगभग 600 मील (1,000 किमी) ऊपर एक अव्यवस्थित क्षेत्र में एक दूसरे से 20 फीट (6 मीटर) की दूरी पर आ गए थे. उन दो वस्तुओं के बीच पूर्ण टक्कर से मलबे के हजारों नए खतरनाक टुकड़े पैदा हो गए होंगे. शोधकर्ता यह नहीं जानते हैं और संभवतः कभी नहीं जान पाएंगे कि मैकडॉवेल द्वारा बुधवार, 30 अगस्त को रिपोर्ट की गई कोस्मोस विखंडन का कारण क्या था. पृथ्वी-आधारित रडार केवल 4 इंच (10 सेंटीमीटर) से बड़ी वस्तुओं को ट्रैक करते हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अनुसार, वर्तमान में लगभग 34,550 ऐसी वस्तुएं पृथ्वी की कक्षाओं में मौजूद हैं.
लेकिन ईएसए के अनुमान के अनुसार, उन “दृश्यमान” अंतरिक्ष मलबे के टुकड़ों के अलावा, 0.4 से 4 इंच (1 सेमी से 10 सेमी) आकार के लगभग 1 मिलियन मलबे या वस्तुएं और 0.4 इंच से छोटे 130 मिलियन टुकड़े अंतरिक्ष में तैर रहे हैं. जब रडार एक सक्रिय उपग्रस के पास आने वाली बड़ी वस्तुओं में से एक को रजिस्टर करते हैं, तो ऑपरेटरों को एक चेतावनी मिलती है और वे अपने अंतरिक्ष यान को नुकसान के रास्ते से बाहर ले जा सकते हैं. लेकिन छोटे मलबे के आगमन से पहले कोई चेतावनी नहीं मिलती है. समस्या यह है कि 0.4 इंच जितना छोटा अंतरिक्ष मलबे का टुकड़ा भी उपग्रहों को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है.
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