इंदौर न्यूज़ (Indore News)

30 हजार रजिस्ट्रियों से कमा लिए 350 करोड़

  • अब दो प्रतिशत ड्यूटी घटाने से भी मिलेगा और फायदा
  • अगस्त में तो गत वर्ष से भी अधिक हो गई कोरोना काल में रजिस्ट्रियां

इंदौर। कोरोना काल में जहां ज्यादातर कारोबार मंदी की चपेट में है, लेकिन रियल इस्टेट में फिर भी ठीक ठाक स्थिति नजर आ रही है। अभी दो प्रतिशत ड्यूटी घटाने का भी फायदा लोगों को मिल रहा है, जिसके चलते दो दिन में ही 900 से अधिक रजिस्ट्रियां हो गई, तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद से लेकर अभी तक 30550 रजिस्ट्रियां कल तक हो चुकी थी, जिससे लगभग 350 करोड़ रुपए का राजस्व पंजीयन विभाग ने अर्जित कर लिया, वहीं अगस्त के महीने में तो पिछले साल से भी अधिक रजिस्ट्रियां हुईं और राजस्व भी अधिक मिला।
अभी कोरोना काल में चूंकि अन्य सभी तरह के कारोबार चौपट पड़े हैं और शेयर मार्केट भी ठंडा है, लिहाजा जमीनों में ही ज्यादा निवेश किया जा रहा है। यही कारण है कि पंजीयन विभाग को अच्छा-खासा राजस्व मिल रहा है। जून से पंजीयन विभाग भी खोला गया। हालांकि अप्रैल और मई के महीने में लगभग 10 करोड़ रुपए की आय पूर्व में की गई रजिस्ट्रियों के चलते विभाग को हो गई थी, वहीं जून के महीने में 6770 से अधिक रजिस्ट्रियां हुईं, जिससे विभाग को 104 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ। वहीं जुलाई के महीने में रजिस्ट्रियों की संख्या तो बढ़ी, लेकिन राजस्व कम हासिल हुआ। 9203 रजिस्ट्रियों से जुलाई के महीने में 93 करोड़ रुपए हासिल हुए, तो अगस्त में रजिस्ट्रियों की संख्या 7892 तक पहुंच गई और राजस्व 88 करोड़ रुपए हासिल हुआ। दरअसल हर साल इन दिनों में श्राद्ध पक्ष भी रहता है, जिसके चलते रजिस्ट्रियों की संख्या घट जाती है, लेकिन इस बार गत वर्ष की तुलना में अगस्त के महीने में भी अच्छी रजिस्ट्रियां हुईं। वहीं सितम्बर के महीने में अभी तक 6200 से अधिक रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं और लगभग 60 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हो गया है। इसी तरह इस वित्त वर्ष में, जिसके दो महीने तो कफ्र्यू-लॉकडाउन के चलते अप्रैल-मई में काम नहीं हो पाया और कोई रजिस्ट्री नहीं हो सकी, मगर उसके बाद से 30550 रजिस्ट्रियां कल तक हो चुकी थी, जिससे 350 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ। हालांकि छोटे भूखंडों, फ्लेटों की रजिस्ट्रियां इन दिनों अधिक हो रही है, जिसके चलते दस्तावेजों की संख्या बढ़ गई है। अभी दो फीसदी नगरीय निकाय शुल्क में कमी की है, जिसके चलते भी रजिस्ट्री करवाने वालों को कम स्टाम्प ड्यूटी चुकाना पड़ रही है और उसका फायदा भी उठाया जा रहा है। नतीजतन नोटिफिकेशन के बाद सोमवार से छूट लागू हो गई और तीन दिनों में ही 900 से अधिक रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं।

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