बारिश यदि लेट हुई तो 31 बार जल प्रदाय करना है जुलाई तक-8 से 9 एमसीएफटी प्रतिदिन का खर्च
उज्जैन। जल प्रदाय के तमाम दावों के बीच गंभीर डेम धीरे-धीरे अब सूखने लगा है। गंभीर डेम में आज की स्थिति में मात्र 453 एमसीएफटी पानी बचा है इसमें से 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज का निकाल दिया जाए तो मात्र 353 एमसीएफटी पानी ही जल प्रदाय के उपयोग में ले सकते हैं।
2250 एमसीएफटी की क्षमता वाले गंभीर डेम में आज की स्थिति में 453 एमसीएफटी पानी ही बचा है। इसमें से 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज का पानी घटा दिया जाए तो मात्र 353 एमसीएफटी पानी गंभीर डेम में रह गया है और इन दिनों गर्मी के मौसम में वाष्पन भी डेम से काफी मात्रा में हो रहा है और एक बार में जल प्रदाय में 8 से 9 एमसीएफटी पानी खर्च हो रहा है। इस मान से एक दिन छोड़कर जल प्रदाय में 34-35 बार जल प्रदाय हो सकता है। मतलब साफ है कि पानी सिर्फ उतना ही बचा है जितनी जरूरत है। ऐसे में यदि बारिश में जुलाई के बाद और खींच हुई तो शहर को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि गंभीर डेम में कई स्थानों पर टीले बन गए हैं जिससे गंभीर डेम में 300 से 400 एमसीएफटी पानी कम भर पाता है लेकिन मापने के मापक में पानी पूरा दिखता है, इसीलिए यहाँ पर गंभीर डेम में गहरीकरण का काम किया जा रहा है।
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