- मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में मीटर का महासंकट
भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में इन दिनों मीटर का महासंकट आया हुआ है। कंपनी ग्वालियर और भोपााल रीजन के 16 जिलों में बिजली सप्लाई का काम संभालती है। लेकिन इन दोनों रीजन में कुल 5 लाख 10 हजार मीटर खराब पड़े हैं, जिनको बदलने की जरूरत है। लेकिन इनको बदलने के लिए कंपनी ने अपने अधिकारियों को सिर्फ 25 हजार मीटर ही उपलब्ध कराए हैं। 12 हजार ग्वालियर रीजन में और 13 हजार भोपाल रीजन के 8-8 जिलों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। जिसे अधिकारी बहुत कम मान रहे हैं। ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को बिना आकलित खपत के बिल कैसे मिल पाएंगे।
सिर्फ भोपाल शहर में ही हर महीने लगभग 3 हजार मीटर खराब होने, जल जाने, डिसप्ले बंद हो जाने जैसी शिकायतें बिजली कंपनी के पास आ जाती हैं। ऐसी स्थिति में जब मीटर खराब होकर काम करना बंद कर देता है तो बिजली कंपनी संबंधित उपभोक्ता को आकलित खपत के बिल देना शुरू कर देता है। ग्वालियर रीजन में 21,00,000 और भोपाल रीजन में 16,50,000 मीटर हैं। वहीं दोनों रीजन में कुल 5,10,000 मीटर खराब पड़े हैं।
2025 तक खरीदने हैं 40 लाख स्मार्ट मीटर
कंपनी मार्च 2025 तक ग्वालियर और भोपाल रीजन के 16 जिलों में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बना रही है। पहले चरण में मार्च 2023 तक दोनों रीजन में 9 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के टेंडर निकाले गए हैं। इसके लिए आरआरडीएस योजना से फंड रिलीज करने की बात की जा रही है। एक स्मार्ट मीटर करीब 8 हजार रुपए का पड़ेगा। जबकि वर्तमान मीटर 800 से 2500 रुपए तक का है। अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर आ जाने पर मीटर रीडरों की जरूरत नहीं पड़ेगी। मीटर से छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी। इसीलिए कंपनी खराब मीटरों को बदलने नए मीटर नहीं खरीद रही है। बीते दिनों मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी गणेश शंकर मिश्रा ने वीसी से समीक्षा बैठक की। इसमें होशंगाबाद के महाप्रबंधक ने अपने यहां हजारों मीटर खराब होने से आकलित खपत के बिल भेजने की बात कही। उन्होंने खराब मीटर बदलने नए मीटरों की मांग रखी तो एमडी ने कहा-एक हजार मीटर भेजे जा रहे हैंं।