इंदौर न्यूज़ (Indore News)

भूमाफिया अतुल सुराना पर ५ केस दर्ज, अग्रिम जमानत नकारी

  • भूमाफिया अतुल सुराना पर ५ केस दर्ज, अग्रिम जमानत नकारी
  • जब्त रसीदों पर दस्तखत की पुष्टि के लिए पुलिस करना चाहती गिरफ्तार

इन्दौर। सैटेलाइट इंफ्रा रियल एस्टेट (Satellite Infra Real Estate) के डायरेक्टर व भूमाफिया अतुल सुराना (land mafia atul surana) पर पांच केस पहले से ही दर्ज होने से कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) की मांग नकार दी। पुलिस रसीदों पर दस्तखत की पुष्टि के लिए उसे गिरफ्तार करना चाहती है।

बिल्डर अतुल पिता सुरेंद्रसिंह सुराना (Builder Atul father Surendrasinh Surana) निवासी गुलमर्ग वैली, कनाडिय़ा रोड की राजेंद्रनगर पुलिस को धोखाधड़ी व गबन के केस में तलाश है। उसने जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी पेश करवाकर कहा था कि उसका सैटेलाइट टाउनशिप (Satellite Township) से कोई ताल्लुक नहीं है। मामला सिविल प्रकृति का था, जिसे पुलिस ने क्रिमिनल रंग (criminal color) दे दिया है। मामले में सहआरोपी को हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिल चुकी है, ऐसे में उसे गिरफ्तारी की दशा में जमानत पर छोड़ा जाए। पुलिस ने जमानत का कड़ा विरोध करते हुए कहा गया कि मुलजिम पर पहले से ही विभिन्न थानों में धोखाधड़ी व दस्तावेजों (fraud and documents) में गड़बड़ी करने के पांच केस दर्ज हैं।


इस मामले में उसने प्लॉट की बुकिंग (Plot booking) कराने वालों को बुकिंग कराने पर जो रसीदें दी हैं, उन पर सुराना के ही दस्तखत हैं, जिनका मिलान कराने के लिए उसकी गिरफ्तारी जरूरी है। मामले में अभी जांच जारी है। मुलजिम को जमानत मिली तो वह सबूतों को प्रभावित कर सकता है। इस मामले में बिल्डर अरुण डागरिया (Builder Arun Dagaria) भी मुलजिम है, जिसे जमानत मिल गई। जज अब्दुल्लाह अहमद (Judge Abdullah Ahmed0 ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए सुराना को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी।

प्लॉट के लिए पैसे लेकर दूसरी कंपनी को बेच दी जमीन
फरियादी राहुल हारोड़, महेश पाटीदार, हरिओम पाटीदर, अरविंद बिल्लौर ने पुलिस को अलग-अलग शिकायतें की थीं कि उन्होंने सैटेलाइट इंफ्रा रियल इस्टेट कंपनी के बिल्डर अरुण डागरिया और अतुल सुराना से उनकी कॉलोनी सैटेलाइट टाउनशिप में प्लॉट बुक कराए थे, लेकिन पैसा लेने के बाद भी रजिस्ट्री (registry) नहीं करके बिल्डर ने धोखाधड़ी की है। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने प्लाट बेचने के बाद किंतु कॉलोनी के लिए ली गई जमीन वर्ष सेफ्रॉन रियलिटी प्रालि को बेच दी। इस मामले में अरुण डागरिया (Arun Dagaria) भी आरोपी है, लेकिन उसे जमानत मिल गई।

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