इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

60 दिन पुरानी मोहन सरकार ने कई अफसरों को लूप लाइन में भेजने के साथ अब 46 नेताओं को भी बैठा दिया घर, विवादित रेरा अध्यक्ष की भी कर दी छुट्टी

रियल इस्टेट कारोबारी भी इस फैसले से खुश, प्राधिकरण की बागडोर अब संभागायुक्त संभालेंगे, लोकसभा चुनाव बाद ही अब नई नियुक्तियोंं की संभावना

इंदौर। 60 दिन पुरानी मोहन सरकार (Mohan Govt.) जहां कई महत्वपूर्ण फैसले ले रही है तो दूसरी तरफ शिवराज (Shivraj) के वक्त ताकतवर रहे कई अफसरों को लूप लाइन (Loop Line) में डाल दिया। वहीं अब एक साथ 46 नेताओं को भी घर बैठा दिया, जो निगम मंडल, प्राधिकरण में काबिज थे। इस सूची में एक और महत्वपूर्ण नाम रेरा अध्यक्ष एपी श्रीवास्तव (AP Srivastava) का भी शामिल है। उनकी भी छुट्टी कर दी गई, जिससे रियल इस्टेट कारोबारियों ने भी राहत की सांस लेते हुए खुशी जाहिर की है। इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल चावड़ा (Indore Development Authority Chairman Jaipal Chavda) की भी रवानगी हो गई। अब संभागायुक्त संभालेंगे यह जिम्मेदारी। सूत्रों का कहना है कि अब लोकसभा चुनाव बाद ही ये नियुक्तियां होंगी।


बीते कई दिनों से यह भी सुगबुगाहट चल रही थी कि पूर्व की शिवराज सरकार ने जिन निगम मंडल और प्राधिकरणों में पदाधिकारियों की नियुक्ति कर रखी थी उन्हें भी हटाया जाएगा, जिसमें युवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. निशांत खरे भी शामिल हैं। कल शाम 46 की सूची जारी हुई, जिसमें प्राधिकरण अध्यक्ष श्री चावड़ा भी चपेट में आए। दरअसल 60 दिन पुरानी मोहन सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले तो ले ही रही है, वहीं सख्ती से शासन-प्रशासन में गुड गवर्नेंस के चलते जहां पिछले दिनों कदाचरण या लापरवाही के मामले में कलेक्टर-एसपी सहित बड़े अधिकारियों पर गाज गिराई। वहीं कई अफसरों को लूप लाइन में भी भेज दिया। इसी कड़ी में निगम, मंडल, प्राधिकरण बोर्ड और आयोग में पदस्थ भाजपा के ही नेताओं को भी घर बैठाया है। इस सूची में एक नाम मध्यप्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण यानी रेरा का भी शामिल है, जिसके अध्यक्ष अजीत प्रकाश श्रीवास्तव की भी छुट्टी कर दी गई। दरअसल श्री श्रीवास्तव रेरा कानूनों के अलावा रियल इस्टेट के प्रोजेक्टों को फिजुल कारणों से भी अटका रहे थे। यहां तक कि स्टाम्प ड्यूटी की गणना करने, नगर तथा ग्राम निवेश या अन्य द्वारा दी गई अनुमतियों को जांचने के साथ-साथ रजिस्ट्रियों की भी समीक्षा करने लगे। पिछले दिनों रियल इस्टेट कारोबारियों की सर्वोच्च संस्था क्रेडाई के पदाधिकारियों की जो बैठक विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ हुई थी उसमें भी रेरा की अड़ंगेबाजी का जिक्र कारोबारियों ने किया, जिस पर मंत्री ने भी सहमति जताई और स्पष्ट कहा कि रेरा के दायरे में ये अन्य बातें नहीं आती हैं, जिसके चलते प्रोजेक्टों की अनुमतियां रोकी जा रही है। विभागीय मंत्री की नाराजगी और लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रेरा अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव की भी छुट्टी कर दी, जिसके चलते रियल इस्टेट कारोबारियों ने भी खुशी जाहिर की है। उनका कहना है कि सैंकड़ों प्रोजेक्ट बीते कई समय से रेरा अनुमति ना मिलने के चलते लम्बित पड़े हैं। जबकि डेढ़ साल से रियल इस्टेट कारोबार तेज गति से चल रहा है और इस तरह की अड़ंगेबाजी से जहां प्रोजेक्टों में विलंब होता है, वहीं बाहर से आने वाले निवेशक, उद्योगपति भी घबराते हैं। दूसरी तरफ इंदौर के सबसे बड़े कालोनाइजर यानी इंदौर विकास प्राधिकरण में बीते 25 माह से अध्यक्ष की कुर्सी पर देवास से लाए गए जयपालसिंह चावड़ा बैठे थे। उनकी भी रवानगी हो गई और अब मंत्री की पसंद के अध्यक्ष की ताजपोशी संभव है।

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