मास्को (Moscow)। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को 1 साल पूरा होने वाला है कि दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध (fierce battle) चल रहा है। पिछले साल 24 फरवरी को शुरू हुई तबाही के निशान पूरी दुनिया देख रही है। इस बीच खबर आ रहीं है कि यूक्रेन के युद्ध की बरसी पर रूस एक बड़े जमीनी हमले की शुरुआत कर सकता है। जिसका नतीजा भयानक हो सकता है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग (ukraine russia war update) को एक साल पूरा होने वाला है। इस बीच पश्चिम देशों की धड़कनें बढ़ी हुई है। उन्हें डर है कि आगामी 24 फरवरी को युद्ध की पहली बरसी पर रूस यादगार के तौर पर कुछ खतरनाक कदम उठा सकता है। इस बीच रूस में सरकारी मीडिया यूक्रेन युद्ध की बरसी से पहले देश में खतरनाक माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर रूस के कब्जे वाले क्रीमिया में लगभग 6,000 यूक्रेनी बच्चों को कैद होने की खबर सामने आ रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक यूएस समर्थित रिपोर्ट के हवाले से इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, इन बच्चों को पालने का उद्देश्य उन्हें पुतिन की सेना के द्वारा राजनीतिक शिक्षा देकर ब्रेनवॉश करना हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि येल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कम से कम 43 शिविरों और सुविधाओं की पहचान की है जहां यूक्रेनी बच्चों को रखा गया है जो यूक्रेन पर फरवरी 2022 के आक्रमण के बाद से मास्को द्वारा संचालित बड़े पैमाने पर व्यवस्थित नेटवर्क का हिस्सा थे।
शोधकर्ताओं में से एक नथानिएल रेमंड ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से बताया कि हमने जिन शिविर सुविधाओं की पहचान की है, उनका प्राथमिक उद्देश्य राजनीतिक शिक्षा देकर ब्रेनवॉश करने की कोशिश है। बच्चों में माता-पिता या स्पष्ट पारिवारिक संरक्षकता वाले लोग शामिल थे, जिन्हें रूस ने अनाथ माना था। अन्य बच्चे वे थे जो आक्रमण से पहले यूक्रेनी राज्य संस्थानों की देखभाल में थे और जिनकी हिरासत युद्ध के कारण अस्पष्ट या अनिश्चित थी।
इस बीच, यूक्रेनी अभियोजकों ने कहा है कि वे रूस के खिलाफ नरसंहार अभियोग बनाने के प्रयासों के तहत बच्चों के जबरन निर्वासन के आरोपों की जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिविरों की प्रणाली और रूसी परिवारों द्वारा अपनी मातृभूमि से लिए गए यूक्रेनी बच्चों को गोद लेना रूस की सरकार का सबसे क्रूर चेहरा प्रतीत होता है।
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